Move to Jagran APP

राफेल सौदा: राहुल गांधी को अनिल अंबानी की चिट्ठी, कहा- तथ्यों को लेकर भ्रम में हैं

रिलायंस एडीएजी समूह ने कहा है कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस पार्टी की जानकारी पूरी तरह गलत है और तथ्यों को लेकर भ्रम में है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 12:45 PM (IST)
राफेल सौदा: राहुल गांधी को अनिल अंबानी की चिट्ठी, कहा- तथ्यों को लेकर भ्रम में हैं
राफेल सौदा: राहुल गांधी को अनिल अंबानी की चिट्ठी, कहा- तथ्यों को लेकर भ्रम में हैं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रिलायंस एडीएजी समूह ने कहा है कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस पार्टी की जानकारी पूरी तरह गलत है और तथ्यों को लेकर भ्रम में है। समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि इस सौदे से उनकी कंपनी को हजारों करोड़ का फायदा होने की बात पूरी तरह काल्पनिक है। पूरे पत्र में अंबानी ने सिलसिलेवार तरीके से राहुल गांधी की तरफ से लगाये जा रहे एक एक आरोपों का जवाब है। आपको बता दें कि कांग्रेस इस पूरे मामले पर मोदी सरकार को घेरने के तैयारी कर रही है। यहीं नहीं चुनाव से पहले पार्टी इस मुद्दे का सियासी लाभ लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

loksabha election banner

अनिल अंबानी ने यह भी कहा है कि भारत सरकार ने राफेल के जो 36 युद्धक विमान खरीदने का फैसला किया है वे पूरी तरीके से फ्रांस में ही निर्मित होंगे। उनका निर्माण रिलायंस और फ्रांस की कंपनी डसो मिल कर नहीं कर रही हैं। इसलिए उनकी कंपनी के अनुभवहीन होने का जो आरोप लगाया जा रहा है वह पूरी तरह से बेबुनियाद है। अनिल अंबानी ने इस संबंध में पिछले साल दिसंबर में भी पत्र लिखा था।

बीते सप्ताह लिखे गए अपने पत्र में अंबानी ने यह भी लिखा है कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से भी रिलायंस की किसी कंपनी को उक्त 36 विमानों से संबंधित कोई निर्माण का ठेका नहीं दिया गया है। ऐसे में उनकी कंपनी पर हजारों करोड़ रुपये का ठेका हासिल करने का जो आरोप लगाया जा रहा है वह बिल्कुल बेबुनियाद है।

अंबानी ने राहुल को स्पष्ट किया है कि उनकी कंपनी की भूमिका सिर्फ आफसेट निर्यातक के तौर पर है। इसका मतलब यह हुआ कि अंबानी की कंपनी राफेल के लिए कुछ उपकरण बना कर निर्यात करेगी, लेकिन विमान पूरी तरह से फ्रांस में ही तैयार होगा।

अंबानी ने लिखा है इस प्रक्रिया में कम से कम 100 छोटी व मझोली कंपनियां शामिल हो रही हैं जिनमें निजी व सरकारी क्षेत्र की कंपनियां भी हैं। सरकारी कंपनियों में बीईएल और डीआरडीओ भी शामिल हैं। यह देश में मैन्यूफैक्चरिंग क्षमताओं को मजबूत करेगा।

इस संदर्भ में अनिल अंबानी ने यह लिखा है कि आफसेट निर्यात की नीति तो पूर्व की यूपीए सरकार ने ही तैयार की थी और उसे बढ़ावा दिया था। उन्होंने राफेल डील से ठीक दस दिन पहले रिलायंस डिफेंस की स्थापना के आरोप को भी पूरी तरह से आधारहीन करार दिया है। असलियत में रिलायंस डिफेंस की स्थापना दिसंबर, 2014 व जनवरी, 2015 में करने का फैसला किया गया था और इस बारे में शेयर बाजार को भी सूचित किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.