Rahul Gandhi Resignation: नये अध्यक्ष से लेकर कार्यकारी अध्यक्ष के विकल्प पर चर्चा
Lok Sabha Election 2019 काफी मान-मनव्वल के बाद भी राहुल इस्तीफे पर अड़े हैं। उनकी जिद को देखते हुए पार्टी ने नए विकल्पों पर चर्चा शुरू कर दी है। उन्हें मनाने का प्रयास भी जारी है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Lok Sabha Election 2019 में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। पहले जो नेता उनके इस्तीफे की खबरों को सिरे से खारिज और अफवाह बता रहे थे, अब वही अपने नेता को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने में जुटे हैं। राहुल गांधी के इस्तीफे से गहराए संकट के बीच उन्हें अपना फैसला बदलने के लिए पूरी पार्टी ने मनाने की कोशिशें भी तेज कर दी है।
राहुल को समझाने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेताओं ने आज उनसे मुलाकात की है तो दूसरी ओर शाम को वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में राहुल के इस्तीफे की पेशकश से पैदा हुए हालात के अलावा पार्टी के भावी विकल्पों पर भी चर्चा की संभावना है।
राहुल ने सोमवार को कांग्रेस नेताओं को अपने इस्तीफे पर अडिग रहने का संदेश देकर पार्टी में हलचल बढ़ा दी है। इसीलिए मंगलवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने उनसे मुलाकात की। इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इसी दौरान राहुल से मिलने उनके तुगलक लेन आवास पहुंचे।
बताया जाता है कि इन सभी नेताओं ने राहुल से पार्टी अध्यक्ष पद छोडऩे का इरादा त्याग कांग्रेस में अपने हिसाब से आमूल-चूल बदलाव करने की खुली छूट की बात दोहरायी। गौरतलब है कि राहुल ने गहलोत समेत कई दिग्गजों के परिवार मोह में पार्टी के हित की अनदेखी करने की बात कही थी।
राहुल की मंगलवार को इन नेताओं से हुई बातचीत के बाद शाम को वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की बैठक मौजूदा संकट के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा कि वरिष्ठ नेता एक बार फिर राहुल से इस्तीफा वापस लेकर पार्टी को संकट से उबारने का अनुरोध करेंगे। हालांकि राहुल ने सोमवार को पार्टी नेताओं को संदेश दे दिया था कि उनका विकल्प कांग्रेस को तलाश लेना चाहिए।
राहुल के रुख को देखते हुए पार्टी में नये अध्यक्ष से लेकर कार्यकारी अध्यक्ष के विकल्प की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसमें चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उन्हें देश के चारों हिस्सों उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम की जिम्मेदारी देने की सरगर्मी सुनाई दे रही है। हालांकि इन विकल्पों पर पार्टी के किसी आधिकारिक मंच पर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद ही चुनावी हार से गहराए कांग्रेस के मौजूदा संकट के समाधान की कोई राह निकलने की उम्मीद है।
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