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केंद्र सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी, गुलाम नबी आजाद को नहीं मिली जगह

कांग्रेस द्वारा गठित समिति में गांधी परिवार के पांच करीबी नेताओं को जगह दी गई है। जबकि गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को बाहर रखा गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 09:20 AM (IST)
केंद्र सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी, गुलाम नबी आजाद को नहीं मिली जगह
केंद्र सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी, गुलाम नबी आजाद को नहीं मिली जगह

नई दिल्ली, एएनआई। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ओर से जारी किए गए अध्यादेशों पर विचार के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति में गांधी परिवार के पांच करीबी नेताओं को जगह दी गई है। जबकि, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को बाहर रखा गया है। दो दिन पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान गुलाम नबी आजाद की लिखी चिठ्ठी को लेकर हंगामा भी हुआ था।

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इन नेताओं को मिली कमेटी में जगह

पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा 26 अगस्त को हस्ताक्षरित एक विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रमुख अध्यादेशों पर पार्टी के रुख पर चर्चा करने और तैयार करने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में जिन नेताओं को रखा गया है उनमें पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, डॉ अमर सिंह और गौरव गोगोई शामिल हैं। इस समिति के संयोजन की जिम्मेदारी जयराम रमेश को सौंपी गई है। यह कमेटी केंद्र की ओर से जारी प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा और पार्टी का रुख तय करने का काम करेगी।

आजाद को बताया गया था 'भाजपा समर्थक'

बता दें कि दो दिन पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई सदस्यों ने पत्र लिखने वाले नेताओं को भाजपा का समर्थक बताया था। कहा जाता है कि आजाद इन आरोपों से दुखी हैं और उन्होंने तब भी इसे बेबुनियाद बताते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। पत्र लिखने वाले दूसरे नेताओं ने भी इन आरोपों का खंडन किया था।

आजाद को मनाने की कोशिश भी जारी

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हंगामे के बाद गांधी परिवार डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुट गया है। चिठ्ठी लिखने वाले असंतुष्ट धड़े की अगुवाई करने वाले गुलाम नबी आजाद को मनाने के लिए सोनिया गांधी ने मोर्चा संभाला है। बैठक के तुरंत बाद राहुल गांधी ने भी गुलाम नबी आजाद से बाद कर गिले शिकवे दूर करने की कोशिश की थी।


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