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Congress Chintan Shivir : महिला रिजर्वेशन पर कांग्रेस का कोटे के भीतर कोटा का समर्थन, निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की वकालत की

कांग्रेस ने सत्‍ता में वापसी के लिए बड़ा सियासी दांव चलत हुए संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए प्रस्तावित 33 फीसद आरक्षण कोटा के भीतर कोटा देने का समर्थन किया है। यही नहीं निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की वकालत की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 06:26 AM (IST)
Congress Chintan Shivir : महिला रिजर्वेशन पर कांग्रेस का कोटे के भीतर कोटा का समर्थन, निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की वकालत की
कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक वापसी के लिए बड़ा सामाजिक दांव खेलने की तैयारी की है।

संजय मिश्र, उदयपुर। कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक वापसी के लिए बड़ा सामाजिक दांव खेलने की तैयारी का चिंतन शिविर में साफ संकेत देते हुए संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए प्रस्तावित 33 प्रतिशत आरक्षण कोटे के भीतर ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से कोटा देने का समर्थन किया है। महिला आरक्षण में अब तक कोटे का विरोध कर रही कांग्रेस ने इस मुद्दे पर यू-टर्न लेने के साथ ही संसद और विधानसभाओं में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की पैरोकारी कर इस बड़े सामाजिक समूह को साधने का सियासी दांव भी चल दिया है।

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निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की पैरोकारी

इसी कड़ी में पार्टी ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में ओबीसी, एससी-एसटी के लिए आरक्षण की वकालत की है। देश के सियासी समीकरणों को गहरे रूप से प्रभावित करने वाले इन मुद्दों पर अपनी गंभीरता का संदेश देने के लिए कांग्रेस ने पार्टी संगठन के हर स्तर पर ओबीसी, एससी-एसटी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव कांग्रेस कार्यसमिति के समक्ष रख दिया है।

सियासी आधार को बढ़ाने की कवायद

उदयपुर नव संकल्प चिंतन शिविर के दूसरे दिन सामाजिक न्याय की सियासत के सहारे अपने सिकुड़ते राजनीतिक आधार को फिर से पाने के इस रोडमैप का संकेत देकर कांग्रेस ने साफ कर दिया कि केवल संगठनात्मक बदलाव ही इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं है। मौजूदा राजनीति की हकीकत के अनुरूप सामाजिक समीकरणों को दुरुस्त करके ही पार्टी अपने सियासी आधार को बढ़ा सकती है।

महिला आरक्षण पर बदला रुख

महिला आरक्षण पर कांग्रेस का बदला रुख इसका स्पष्ट संकेत है। चिंतन शिविर में सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण समूह अपनी दो दिन की चर्चाओं के बाद महिला आरक्षण में कोटे के भीतर कोटे के प्रस्ताव का समर्थन करने के निष्कर्ष पर पहुंचा। चिंतन शिविर से पूर्व तक कांग्रेस इसके खिलाफ थी, इसीलिए संप्रग सरकार में राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद भी लोकसभा में इसकी राह नहीं बन पाई।

अलग से निर्धारित किया जाए कोटा

तब कांग्रेस के सहयोगी दलों के साथ ही सपा और बसपा जैसे दलों ने कोटे के भीतर कोटे की मांग उठाई थी। ऐसे में इस यू-टर्न का कारण पूछे जाने पर समूह के प्रमुख सलमान खुर्शीद और सदस्य कुमारी सेलजा ने कहा कि आज की सामाजिक और राजनीतिक हकीकत काफी बदल गई है। बदले समय की मांग है कि महिला आरक्षण में ओबीसी, एससी-एसटी के लिए अलग से कोटा निर्धारित हो।

कांग्रेस कार्यसमिति लेगी अंतिम फैसला

ओबीसी वर्ग के लिए संसद और विधानसभाओं में आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि अभी इसको लेकर चर्चा शुरू हुई है। हम मानते हैं कि समय की मांग है कि इस पर आगे बढ़ा जाए। कांग्रेस कार्यसमिति इस प्रस्ताव पर रविवार को विचार करके अंतिम फैसला लेगी।

जातिगत जनगणना का समर्थन करने की तैयारी

सेलजा ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता का ही प्रमाण है कि हमने संगठन के हर स्तर पर ओबीसी, एससी-एसटी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। ओबीसी वर्ग में भाजपा और क्षेत्रीय दलों के वर्चस्व को तोड़कर अपने लिए जगह बनाने की कांग्रेस की बेचैनी इस बात से भी जाहिर होती है कि पार्टी अब जातिगत जनगणना का समर्थन करने की लगभग तैयारी कर चुकी है। ¨चतन शिविर में जातिगत जनगणना की पैरोकारी का प्रस्ताव भी रखा गया है।


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