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जम्मू-कश्मीर में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करने की नीति को मोदी सरकार ने तोड़ा

कांग्रेस ने कहा है कि dgk%भारत की नीति बड़ी स्पष्ट है कि किसी अंतर्राष्ट्रीय समूह संस्था व्यक्ति या तीसरे देश की दखलंदाजी हमें स्वीकार नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 07:53 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 07:53 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करने की नीति को मोदी सरकार ने तोड़ा
जम्मू-कश्मीर में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करने की नीति को मोदी सरकार ने तोड़ा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने यूरोपीय संघ के सांसदों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर सरकार पर हमला तेज करते हुए इसे भारत के आतंरिक मामले में तीसरे पक्ष का दखल करार दिया है। पार्टी के अनुसार 72 साल से जम्मू-कश्मीर में किसी तरह के बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करने की भारत की सफल नीति को मोदी सरकार ने तोड़ दिया है। सरकार पर वार करते हुए कांग्रेस ने यूरोपीय संघ के सांसदों को घुमाने के फैसले को अपरिपक्व, विवेकहीन और मूर्खतापूर्ण करार दिया।

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जम्मू-कश्मीर नीति को लेकर कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला

जम्मू-कश्मीर के औपचारिक बंटवारे की अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले कांग्रेस ने मौजूदा हालात से निपटने की नीतियों को लेकर सरकार पर यह हमला बोला। पार्टी मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यूरोपीय संघ के 27 सांसदों को प्रचार के हथकंडे के तहत मोदी सरकार ने एक इंटरनेशनल बिजनेस ब्रोकर के जरिये बुलाया। मगर प्रचार के इस प्रयास में मोदी सरकार ने पिछले 72 साल की भारत की जांची और परखी जम्मू-कश्मीर नीति को उलटने का सबसे बड़ा चूक किया है।

ईयू सांसदों को श्रीनगर भेजना अक्षम्य अपराध

सुरजेवाला ने कहा कि शुरू से भारत का यह मत रहा है कि जम्मू-कश्मीर हमारा आतंरिक मसला है और हमें किसी तीसरे पक्ष, समूह या व्यक्ति का दखल स्वीकार नहीं है, लेकिन बीते तीन दिनों में पीएम मोदी की इन 27 सांसदों से मुलाकात से लेकर इन्हें श्रीनगर भेजने की कवायद कर सरकार ने इस नीति को पलटने का अक्षम्य अपराध किया है।

भारत की कूटनीति को अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर के हाथों गिरवी रख दिया

विपक्षी सांसदों को एयरपोर्ट पर हिरासत में लेकर वहीं से वापस भेजे जाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार ने विदेशी सांसदों को वहां भेज भारत की संसद और प्रजातंत्र का अपमान किया है। सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत की कूटनीति को एक अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर के हाथों गिरवी रख दिया गया है।

यूरोपीय सांसदों को भारत लाने वाली मैडी शर्मा पर दागे सवाल

यूरोपीय सांसदों को भारत लाने वाली मैडी शर्मा से सरकार के जुड़ाव पर सवाल दागते हुए इनके महिला आर्थिक व सामाजिक थिंक-टैंक और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर नॉन अलाइड स्टडीज से रिश्ते स्पष्ट करने की मांग की। सुरजेवाला ने सरकार से यह भी पूछा कि मैडी शर्मा किस हैसियत से प्रधानमंत्री की अप्वाइंटमेंट फिक्स कर रहीं थीं। साथ ही सरकार से इस बात का भी जवाब मांगा कि इस मामले में विदेश मंत्रालय की भूमिका को क्यों दरकिनार किया गया और भारत सरकार ने इस यात्रा का खर्च क्यों वहन किया?

विदेशी सांसदों का कश्मीर दौरा राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रहार

विदेशी सांसदों के कश्मीर जाने के घटनाक्रम को देश की संप्रभुता को चुनौती और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रहार बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हम प्रधानमंत्री से इस पर स्पष्टीकरण की मांग करते हैं। कश्मीर पर दुनिया में पाकिस्तान के दुष्प्रचार का जवाब देने के मकसद से यूरोपीय सांसदों की यात्रा कराने के तर्क से जुड़े सवाल पर सुरजेवाला ने का कि भारत की नीति बड़ी स्पष्ट है कि किसी अंतर्राष्ट्रीय समूह, संस्था, व्यक्ति या तीसरे देश की दखलंदाजी हमें स्वीकार नहीं है।


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