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संसद में टीएमसी को विपक्षी सेंटर स्टेज से दूर रखने को कांग्रेस हुई सतर्क, जानें क्‍या बनाई रणनीति

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षा के मद्देनजर कांग्रेस अब उनके खिलाफ आक्रामक जवाबी दांव को जरूरी मान रही है। मौजूदा शीत सत्र के दौरान विपक्षी राजनीति का सेंटर स्टेज हासिल करने की टीएमसी की कोशिशों को कांग्रेस किसी स्थिति में परवान नहीं चढ़ने देगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 08:01 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 08:01 PM (IST)
संसद में टीएमसी को विपक्षी सेंटर स्टेज से दूर रखने को कांग्रेस हुई सतर्क, जानें क्‍या बनाई रणनीति
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षा के मद्देनजर कांग्रेस अब उनके खिलाफ आक्रामक जवाबी दांव को जरूरी मान रही है। मौजूदा शीत सत्र के दौरान विपक्षी राजनीति का सेंटर स्टेज हासिल करने की टीएमसी की कोशिशों को कांग्रेस किसी स्थिति में परवान नहीं चढ़ने देगी। इस रणनीति के तहत कांग्रेस विपक्षी खेमे के अन्य दलों को एकजुट रखने का प्रयास कर रही है, ताकि विपक्षी राजनीति को अपने एजेंडे के हिसाब से दिशा देने की कोशिश कर रही तृणमूल कांग्रेस के इरादों पर ब्रेक लगाया जा सके। संसद में तृणमूल के किनारा करने के बावजूद कांग्रेस के रणनीतिकारों ने इसके मद्देनजर ही विपक्षी दलों के नेताओं की रोजाना बैठक बुलाने का सिलसिला खत्म नहीं किया।

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ममता की महत्वाकांक्षाओं के मद्देनजर जवाब देना जरूरी मान रही कांग्रेस

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय कक्ष में सदन की बैठक से पूर्व रोज विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हो रही है। संयुक्त रणनीति के साथ दोनों सदनों में कांग्रेस इन दलों को साथ लेकर चल रही है। टीएमसी के नेता भी अपनी बैठकें कर रहे हैं, लेकिन अब तक विपक्षी खेमे के किसी दल के नेता को वे इन बैठकों में ले जाने में सफल नहीं हुए हैं। मालूम हो कि पिछले मानसून सत्र के दौरान कृषि कानूनों और पेगासस मामले पर सरकार की घेरेबंदी के लिए विपक्षी नेताओं की रोजाना बैठकें शुरू हुई थी। तब टीएमसी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही थी। लेकिन दीदी की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा की सियासी गाड़ी के मेघालय, त्रिपुरा, असम से लेकर गोवा पहुंचने के बाद टीएमसी ने कांग्रेस पर नजरें टेढ़ी कर ली हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को सदन के भीतर सतर्क रहने को कहा

ऐसे में कांग्रेस भी रक्षात्मक नहीं दिखना चाहती। इसीलिए द्रमुक, शिवसेना, एनसीपी, राजद और झामुमो से लेकर वामदलों के नेताओं से मशविरा कर रोजाना संसद के भीतर साझी रणनीति तय कर रही है। ऐसी कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जा रही कि टीएमसी को इन दलों को अपने साथ जोड़ने का मौका मिले। कांग्रेस ने इसी मंशा से केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी सरीखे पार्टी वरिष्ठ नेताओं को विशेष रूप से सदन के भीतर सतर्क रहने को कहा है।


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