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चुनावी मौसम में एनआरसी पर भाजपा मुख्यमंत्रियों के सियासी दांव से सचेत हुई कांग्रेस

कांग्रेस एनआरसी के पक्ष में है और हमारा साफ मानना है कि बेशक विदेशी नागरिकों की पहचान हो मगर हमारे अपने नागरिकों को इस प्रक्रिया में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 09:32 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 09:32 PM (IST)
चुनावी मौसम में एनआरसी पर भाजपा मुख्यमंत्रियों के सियासी दांव से सचेत हुई कांग्रेस
चुनावी मौसम में एनआरसी पर भाजपा मुख्यमंत्रियों के सियासी दांव से सचेत हुई कांग्रेस

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी मौसम में एनआरसी पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के मुखर सियासी दांव को लेकर कांग्रेस ने अपने नेताओं को सतर्क कर दिया है। पार्टी ने अपने नेताओं को साफ संदेश दे दिया है कि कांग्रेस सैद्धांतिक रुप से एनआरसी का विरोध नहीं कर रही। ऐसे में पार्टी नेताओं को एनआरसी पर सियासी बयानबाजी के भंवर में घिरने का कोई मौका विरोधी को नहीं देना चाहिए।

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तीन राज्यों के चुनाव से पहले एनआरसी पर मुख्यमंत्रियों के बयान

तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले असम की तरह अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए एनआरसी लागू करने के भाजपा के मुख्यमंत्रियों के बयान को कांग्रेस उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रही है। पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हों झारखंड के सीएम रघुवर दास या महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनवीस सभी चुनावी बिगुल बजने से ठीक पहले एनआरसी लागू करने की बात करने लगे हैं।

एनआरसी पर सियासत

मगर सच्चाई यह है कि असम के एनआरसी का मसला तो पिछले एक साल से ज्यादा समय से गरम है तब इन राज्यों की सरकारों ने अपने सूबे में इसकी जरूरत को लेकर पहल नहीं की।

सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का दांव

कांग्रेस सूत्रों ने साफ कहा कि भाजपा मुख्यमंत्रियों के बयानों से साफ है कि एनआरसी के जरिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का दांव चलने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसीलिए सभी राज्यों के पार्टी नेताओं खासकर जिन सूबों में चुनाव होने हैं वहां के नेताओं को भाजपा की इस मंशा को लेकर सचेत कर दिया गया है।

कांग्रेस सैद्धांतिक रुप से एनआरसी के पक्ष में

पार्टी रणनीतिकारों का यह भी कहना है कि देश के दूसरे हिस्सों में एनआरसी लागू करने का मसला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। केंद्र अगर इस दिशा में कोई कदम उठाएगा तब पार्टी अपना नजरिया रखेगी। वैसे भी कांग्रेस सैद्धांतिक रुप से एनआरसी के पक्ष में है। इसीलिए फिलहाल भाजपा के मुख्यमंत्रियों की राजनीतिक बयानबाजी को पार्टी तूल नहीं देना चाहती।

अवैध विदेशी नागरिकों को रहने का अधिकार नहीं

खट्टर समेत भाजपा शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अपने सूबों में एनआरसी लागू करने की मांग पर कांग्रेस का रुख पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता राजीव शुक्ल ने भी साफ किया कि अवैध विदेशी नागरिकों को देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

एनआरसी की प्रक्रिया पारदर्शी हो

कांग्रेस एनआरसी के पक्ष में है और हमारा साफ मानना है कि बेशक विदेशी नागरिकों की पहचान हो मगर हमारे अपने नागरिकों को इस प्रक्रिया में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। शुक्ल ने कहा कि असम में भी हमने एनआरसी नहीं बल्कि इसकी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि चाहे जिस राज्य में एनआरसी लागू हो इसमें दिक्कत नहीं मगर इसकी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। 


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