भाजपा के साथ सरकार न बनाने पर उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिकायत, वोटर्स को धोखा देने का आरोप
उद्धव ठाकरे और पार्टी के दो अन्य नेताओं के खिलाफ औरंगाबाद जिले के बेगमपुरा पुलिस स्टेशन में बुधवार को लिखित शिकायत की गई।
मुंबई, पीटीआइ। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और दो अन्य नेताओं के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि शिवसेना ने हिंदुत्व के नाम पर वोट लिया, लेकिन सहयोगी भाजपा के साथ सरकार नहीं बनाया। ये मतदाताओं के साथ धोखा है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में उद्धव ठाकरे और पार्टी के दो अन्य नेताओं के खिलाफ औरंगाबाद जिले के बेगमपुरा पुलिस स्टेशन में बुधवार को लिखित आवेदन दिया गया है। शिकायतकर्ता का नाम रत्नाकर चौरे है जो की भाजपा समर्थक है। उन्होंने का कि हमने आवेदन प्राप्त कर लिया है और इसे विशेष शाखा को भेज दिया है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उद्धव ठाकरे, नव-निर्वाचित शिवसेना विधायक प्रदीप जायसवाल (औरंगाबाद सेंट्रल) और पार्टी के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने हिंदुत्व की रक्षा के नाम पर शिवसेना-भाजपा गठबंधन के लिए वोट मांगे। उनकी अपील पर चौरे, उनके परिवार के सदस्यों और औरंगाबाद सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने जयसवाल के पक्ष में वोट दिया। जो की औरंगाबाद सेंट्रल सीट से भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार थे।
चौरे ने कहा कि राज्य में शिवसेना-भाजपा गठबंधन को सत्ता में लाने के उद्देश्य से निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा समर्थकों ने भी जायसवाल को वोट दिया। जिसके बाद विधानसभा चुनाव में उनकी जीत हुई। आवेदन में कहा गया है कि नतीजों के बाद शिवसेना ने भाजपा के साथ संबंध तोड़ दिए और अपने चुनाव पूर्व सहयोगी के साथ सरकार नहीं बनाई।
शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने शिवसेना के इस कदम से अपने आप को ठगा हुआ महसूस किया क्योंकि उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने हिंदुत्व की रक्षा के लिए गठबंधन के उम्मीदवार को वोट दिया था। इसके बाद चौरे ने बेगमपुरा पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया और उद्धव ठाकरे सहित दो अन्य नेताओं के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि ठाकरे ने 10 से 12 अक्टूबर के बीच औरंगाबाद में रैलियों को संबोधित करते हुए लोगों से शिवसेना-भाजपा गठबंधन के लिए वोट करने की अपील की थी। चौरे ने कहा कि वह चुनाव आयोग को भी एक पत्र लिखेंगे, जिसमें जायसवाल के पक्ष में अपना वोट वापस लेने और विधायक का चुनाव रद्द करने की मांग करेंगे।
भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली शिवसेना सरकार बनाने के लिए अब कांग्रेस और एनसीपी के पास ही पहुंच गई है।