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बासमती चावल के जीआइ टैग को लेकर सीएम शिवराज ने लिखा सोनिया को पत्र, उठाए सवाल

मध्य प्रदेश के बासमती चावल की जीआइ टैग का मामला अब सियासी मुद्दा बन गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 06:03 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 06:03 AM (IST)
बासमती चावल के जीआइ टैग को लेकर सीएम शिवराज ने लिखा सोनिया को पत्र, उठाए सवाल
बासमती चावल के जीआइ टैग को लेकर सीएम शिवराज ने लिखा सोनिया को पत्र, उठाए सवाल

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के बासमती चावल की भौगोलिक संकेतक (जीआइ टैग) का मामला अब सियासी मुद्दा बन गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जीआइ टैग पर हस्तक्षेप की मांग की तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैप्टन की मंशा पर ही सवाल उठा दिए। शुक्रवार को शिवराज ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर भविष्य में होने वाले दुष्प्रभाव को भी स्पष्ट किया। शिवराज ने कहा कि अगर जीआइ टैग हटा तो भारत की निर्यात क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान को फायदा हो सकता है।

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कैप्टन के बयान को बताया दुर्भावनापूर्ण

बतौर किसान सोनिया गांधी को लिखे पत्र में शिवराज ने कांग्रेस को किसान विरोधी करार देते हुए जवाब मांगा है। शुक्रवार को शिवराज का पत्र मीडिया से भी साझा किया गया है। शिवराज ने कैप्टन अमरिंदर के कथन को किसान व मध्य प्रदेश विरोधी और दुर्भावनापूर्ण बताया है। कहा है कि यह कांग्रेस के किसान विरोधी चरित्र को भी उजागर करता है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार बनने पर दस दिन में किसानों की कर्जमाफी का वादा भी याद दिलाया। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को भी घेरा। कहा, कमल नाथ ने तो सरकार बनने पर इस वादे को मजाक बना दिया।

पूछा किसानों के साथ कांग्रेस की क्या दुश्मनी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई उदाहरण देते हुए सोनिया गांधी से पूछा है कि आखिर मध्य प्रदेश के किसानों के साथ कांग्रेस की क्या दुश्मनी है। उन्होंने सोनिया को मध्य प्रदेश के चावल की विशेषता बताते हुए स्पष्ट किया है कि मध्य प्रदेश को मिलने वाले जीआइ टैगिंग से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्थिरता मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

कैप्‍टन कर रहे घटिया राजनीति : शिवराज

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ राइस रिसर्च, हैदराबाद ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि मध्य प्रदेश में पिछले 25 वर्षों से बासमती चावल का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन जीआइ टैगिंग को पाकिस्तान से जोड़कर घटिया राजनीति कर रहे हैं। पाकिस्तान के मामले का मध्य प्रदेश के दावे से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि हरियाणा और पंजाब के निर्यातक भी मध्य प्रदेश से ही बासमती चावल खरीदते हैं।

यह है मामला

मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआइ टैग मिलने की संभावना देखकर पंजाब सरकार ने आपत्ति लगाई है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। इसके बाद यह मुद्दा राजनीतिक तौर पर गर्मा गया है।

कमल नाथ बोले, यह केंद्र सरकार का विषय

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ट्वीट किया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को। इसी से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री को मामले में कितनी समझ है। मुख्यमंत्री चौहान को सिर्फ राजनीति करना है, किसान या प्रदेश हित से उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह भाजपा-कांग्रेस का मामला नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का विषय है।

पिछले कार्यकाल में करनी चाहिए थी कोशिश

कमल नाथ ने कहा कि यदि चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में बासमती चावल को जीआइ टैग दिलाने के ठोस प्रयास किए होते तो शायद आज प्रदेश के किसानों को अपना हक मिल चुका होता। पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवराज को सलाह दी है कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस लड़ाई को ठोस ढंग से लड़ें। 


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