सीएम शिवराज सिंह चौहान बोले, कोरोना से ज्यादा मध्य प्रदेश के लिए बड़ी समस्या थे कमल नाथ
MP Politics मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेता कमल नाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वह कोरोना संक्रमण (COVID 19) से लड़ने में सक्षम थे।
भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट विस्तार के बाद भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आज कांग्रेस नेता कमल नाथ पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या वह कोरोना संक्रमण (COVID 19) से लड़ने में सक्षम थे। वह कोरोना की तरह ही मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी समस्या बने हुए थे। हमने संकट का अच्छी तरह से मुकाबला किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और कमल नाथ के बीच तीखी बयानबाजी शुरू से ही चर्चा का विषय रही है। वहीं, अब मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सीएम चौहान अब एक अलग ही रूप में नजर आ रहे हैं और मध्य प्रदेश कांग्रेस से जुड़े नेताओं पर बयानबाजी कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का कल कैबिनेट विस्तार हो गया। इस दौरान सबसे ज्यादा चर्चा रही ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके खेमे के उन कांग्रेस विधायकों की जो पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले कुल 12 विधायकों को गुरुवार के शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। दो कांग्रेसी विधायक पहले से ही मंत्रिमंडल में शामिल हैं। ये सभी कांग्रेसी विधायक सिंधिया खेमे के माने जाते हैं।
सिंधियो बोले, टाइगर अभी जिंदा है
कांग्रेस छोड़ने के बाद गुरुवार को दूसरी बार मध्य प्रदेश आए भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसे प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की चिंता नहीं है। कांग्रेस तो सिंहासन के लिए छटपटा रही है। विधानसभा की 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा की जमीन मजबूत कर रहे सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चेतावनी देने के साथ तंज कसा, 'टाइगर अभी जिंदा है। भाजपा उपचुनाव में सभी 24 सीट जीतकर कांग्रेस को मुंह तोड़ जवाब देगी
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने और भाजपा को दोबारा सत्ता में काबिज कराने का पूरा श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही जाता है। प्रदेश की राजनीति में उनका काफी प्रभुत्व रहा है। यही वजह है कि कैबिनेट विस्तार में भी ज्योतिरादित्य का प्रभुत्व साफ तौर पर देखने को मिला। हालांकि, इसका अनुमान पहले से ही लगाया जा रहा था कि मध्य प्रदेश कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया को खासी तवज्जो दी जाएगी।