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MP के राजनीतिक हालात पर बोले सीएम बघेल- 'कुछ तो मजबूरियां रही होंगी वरना यूं ही कोई बेवफा नहीं होता'

सीएम बघेल ने कहा सरकार बचेगी अभी यह सिर्फ शुरुआत है कमलनाथ जी के पत्ते खुलना शेष है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 12:22 PM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 03:43 PM (IST)
MP के राजनीतिक हालात पर बोले सीएम बघेल- 'कुछ तो मजबूरियां रही होंगी वरना यूं ही कोई बेवफा नहीं होता'
MP के राजनीतिक हालात पर बोले सीएम बघेल- 'कुछ तो मजबूरियां रही होंगी वरना यूं ही कोई बेवफा नहीं होता'

रायपुर, एएनआइ। मध्यप्रदेश के राजनीतिक हालात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी सधी हुई प्रक्रिया सामने आई। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस से जाने वाले लोग हमेशा हमने देखा है कि वो गुर्राते हुए जाते हैं, लेकिन फिर दुम दबाकर वापस लौट आते हैं और ऐसे अनेक उदाहरण हैं। इस दौरान उन्होंने एक शेर भी कहा। बघेल ने कहा, 'कुछ तो मजबूरियां रही होंगी वरना यूं ही कोई बेवफा थोड़ी होता है।'

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कमलनाथ सरकार के गिरने वाले सवाल पर सीएम बघेल ने कहा, 'भाजपा विधायकों की बैठक में कितने लोग थे, उनकी संख्या क्या थी? सरकार बचेगी अभी यह सिर्फ शुरुआत है, कमलनाथ जी के पत्ते खुलना शेष है।' मध्यप्रदेश से कांग्रेस कि विधायकों को छत्तीसगढ़ लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसा आलाकमान का निर्देश होगा उसका पालन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे, जहां उन्होंने बता कि हमें राज्य की दो राज्यसभा सीटों के लिए उम्मीदवार तय करने हैं। मैं पार्टी के आलाकमान के साथ इस पर चर्चा करने के लिए दिल्ली जा रहा हूं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश में कांग्रेस की तरफ से बड़े नेता के तौर पर देखे जाते थे। उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक उठापटक और तेज हो गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी भाजपा पर ट्वीट करते हुए हमला बोला। वहीं, खबर है कि पूर्व कांग्रेस सांसद और केंद्रीय मंत्री सिंधिया दोपहर तक भाजपा में शामिल हो सकते हैं, जहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा भाजपा मुख्यालय में सिंधिया को सदस्यता दिलाएंगे।

अमित शाह के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। मुलाकात के कुछ देर बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बेंगलुरु में मौजूद सिंधिया समर्थक 19 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इनमें 6 मंत्री थे। इस दौरान 2 और विधायकों बिसाहूलाल सिंह और ऐंदल सिंह कंषाना ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिंधिया गुट के कई विधायकों ने इस्तीफा दिया। कुल 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।


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