सीएम अशोक गहलोत बोले- RSS भाजपा के साथ खुलकर राजनीति में क्यों नहीं आ जाती ?
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने आरएसएस को राजनीतिक संगठन बताते हुए कहा कि आरएसएस खुद को सांस्कृतिक संगठन कहता है। लेकिन एनडीए सरकार में आरएसएस से पूछे कोई भी काम नहीं होता।
नई दिल्ली, एएनआइ। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरएसएस पर कई हमले किए। मुख्यमंत्री गहलोत ने आरएसएस को अतिरिक्त संवैधानिक अधिकार वाली संस्था बताया है। केन्द्र की एनडीए सरकार में आरएसएस के मजबूत पकड़ बताते हुए उन्होंने कहा 'देश में जहां भी भाजपा सरकार है, वहां भाजपा की नहीं बल्कि आरएसएस की सरकार है।'
जोधपुर में पत्रकारों से बात करते हुए गहलोत ने एक-एक कर आरएसएस पर कई हमले किए। गहलोत ने कहा आरएसएस को राजनीति ही करनी है, तो उसे खुल कर राजनीति में सामने आना चाहिए। भाजपा और आरएसएस के एक साथ मिलकर काम करने के सवाल पर उन्होंने कहा आरएसएस ने लिखित में कहा था कि आरएसएस एक सांस्कृतिक संगठन है।
भाजपा में संघ से पूछे बिना कोई मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है। राजनीति में संघ की दिलचस्पी देखते हुए लग रहा है, कि संघ को अब भाजपा के साथ खुलकर राजनीति में आ जाना चाहिए। संघ के इस तरह सामने आ जाने से हमें कोई भी दिक्कत नहीं होगी। आरएसएस को याद दिलाते हुए गहलोत ने कहा संघ ने हाल ही में लिख कर कहा था कि वो एक सांस्कृतिक संगठन है, वो कभी राजनीति नहीं करेंगे।
संघ पर जब प्रतिबंध लगा दिया गया था। तब संघ ने लिख कर वादा किया था कि वे राजनीति में कभी शामिल नहीं होंगे हमेशा ही सांस्कृतिक संगठन के तौर काम करते रहेंगे। पुराने वादे को निभाते हुए आरएसएस को अपनी बात पर कायम रहना चाहिए।
भाजपा सांसद ने बताया था, RSS और BJP का संबंध!
गौरतलब है कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसके पहले कहा था कि भाजपा का वजूद संघ के बिना नहीं रह सकता। स्वामी ने गुरूवार को किए अपने ट्वीट पर आरएसएस की तुलना पावर प्लांट से करते हुए भाजपा सांसदो को बल्ब कहा था।
स्वामी ने ट्वीट में लिखा कि आरएसएस ही पावर प्लांट है। बाकी हम लोग बल्ब की तरह है, जो आरएसएस से बिजली पाने के बाद चमकते और फ्यूज होते हैं। इसके साथ ही उन्होनें अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि हालांकि संघ भाजपा को नहीं चलाती है, इसका दृष्टिकोण बहुत ही कठिन है।