दिल्ली दंगों पर संसद में संग्राम, मीनाक्षी लेखी ने कहा- सोनिया, राहुल, प्रियंका के भाषणों के कारण भड़की हिंसा
दिल्ली हिंसा के मसले पर बुधवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला तो पलटवार में सत्ता पक्ष की ओर से भी जोरदार हमला बोला गया...
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली दंगे पर जिस चर्चा को लेकर पिछले एक सप्ताह से हंगामा चल रहा था वह खत्म भी हो हंगामा और वाकआउट से ही हुआ। दिल्ली दंगों को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में सरकार की खिंचाई की तथा गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की। परंतु भाजपा ने हिंसा को सीएए विरोधियों द्वारा पूर्व नियोजित बताते हुए विपक्षी दलों पर स्थिति का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। अचरज की बात यह थी कि कांग्रेस ने गृहमंत्री के जवाब के बीच ही वाकआउट कर दिया। हालांकि विपक्ष के कई दल सदन में मौजूद रहे।
'राजधानी के कुछ हिस्सों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति' पर चर्चा की शुरुआत करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि देश की सबसे अच्छी पुलिस होने के बावजूद दिल्ली में तीन दिनों तक हिंसा का तांडव होता रहा। उन्होंने गृह मंत्री से इस पर स्पष्टीकरण की मांग की। अधीर ने 'जब रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था' कहावत के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कुछ लोग कह रहे हैं हिंसा में हिंदू जीते तो कुछ कह रहे कि मुसलिम जीते। परंतु हकीकत ये है कि मानवता हार गई।
अधीर रंजन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करते ही स्थिति नियंत्रण में आ गई। आखिर गृहमंत्री क्यों नहीं गए? उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर के ट्रांसफर का भी सवाल उठाया क्योंकि उन्होंने दिल्ली पुलिस की विफलता पर सवाल उठाए थे। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय तथा आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने भी गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की। एआइएमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली हिंसा की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग उठाई।
विपक्ष हमले पर भाजपा सदस्यों ने पलटवार किया। भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि मुरलीधर का ट्रांसफर सुप्रीमकोर्ट कोलेजियम के आदेश पर हुआ था। मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग हिंसा का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आइबी अफसर अंकित शर्मा की नृशंस हत्या का जिक्र करते कहा कि उनके शरीर पर चाकू के 400 घाव पाए गए हैं। 'ये कैसी घृणा है, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। 'आप' के एक पार्षद के घर में पत्थर तथा गुलेंले पाई गई। जबकि उनके एक विधायक ने भाषणों के जरिए घृणा फैलाई।
मीनाक्षी ने अपनी पार्टी के अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा का ये कहकर बचाव किया उनके भाषण अप्रासंगिक हैं, क्योंकि दंगा 23 फरवरी को शुरू हुआ। इसी प्रकार उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के बजाय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रामलीला मैदान में तथा राहुल और प्रियंका गांधी के अन्य जगहों के भाषणों को दंगों के लिए दोषी ठहराया। नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे धरने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा तीन महीने से लोग सड़कों पर बैठे हैं।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सीएए के नाम पर लोगों को भड़काने और उग्रवाद फैलाने के लिए लंबे समय से काम चल रहा है। जबकि ये सरकार विकास की राजनीति करना चाहती है। उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में हुए सैकड़ों छोटे-बड़े दंगों के आंकड़े गिनाए। इसी बीच बीजद ने बहुत प्रासंगिक सवाल उठाया कि दंगा दिल्ली मे ही क्यों हुआ? जबकि सत्तापक्ष की ओर से आशंका जताई गई दिल्ली को इसीलिए चुना गया ताकि इसे सुर्खियों में लाया जा सके।