Move to Jagran APP

लंबित तीन करोड़ मुकदमों और जजों के खाली पड़े पदों पर सीजेआई ने चिंता जताई

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध किया कि वे इन 50 लाख मुकदमों को रुचि लेकर पूरा कराएं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 10:18 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 10:18 PM (IST)
लंबित तीन करोड़ मुकदमों और जजों के खाली पड़े पदों पर सीजेआई ने चिंता जताई
लंबित तीन करोड़ मुकदमों और जजों के खाली पड़े पदों पर सीजेआई ने चिंता जताई

अमरावती, आइएएनएस। देश में बड़ी संख्या में लंबित मुकदमों और न्यायाधीशों की खाली पड़े पदों की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने चिंता जताई है। कहा कि इन दो वजहों ने देश की न्यायपालिका को काफी मुश्किल हो रही है। मुख्य न्यायाधीश ने यह बात आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की अस्थायी इमारत के उद्घाटन और नई इमारत की आधारशिला रखे जाने के मौके पर कही।

loksabha election banner

मुख्य न्यायाधीश ने दोनों समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित उपाय की आवश्यकता जताई। लंबित मुकदमों को शीघ्र निपटारे के लिए न्यायाधीशों से सहयोग मांगा। कहा, इससे न्याय व्यवस्था को गति मिलेगी और वह मजबूत होगी। जस्टिस गोगोई ने कहा कि देश में तीन करोड़ मामलों का लंबित होना चिंताजनक है लेकिन इनमें से 81 लाख केवल एक साल पुराने हैं।

उन्होंने कहा कि जब कोई मामला दर्ज होता है तो उसे आदेश की प्रक्रिया तक पहुंचने में थोड़ा वक्त लगता है। इसलिए 81 लाख मुकदमे एक साल पुराने होने पर उन्हें लंबित मामला कहना उचित नहीं होगा। जबकि तीन करोड़ में 50 लाख लंबित मामले मामूली आरोपों से संबंधित हैं। इनमें मोटर वेहिकिल एक्ट के उल्लंघन और घटतौली जैसे मामले शामिल हैं। इन मामलों में मामूली अर्थदंड देकर निजात पाई जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध किया कि वे इन 50 लाख मुकदमों को रुचि लेकर पूरा कराएं। जस्टिस गोगोई ने कहा कि 25 लाख मुकदमे दस साल से लंबित हैं, यह स्थिति सोचनीय है। इन मामलों से निपटने के लिए खास रणनीति बनाकर कार्य होना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश ने देश की हाई कोर्ट में 392 न्यायाधीशों के पद खाली होने का मामला भी उठाया। कहा कि 270 पदों के लिए किसी के नाम की संस्तुति न होना चिंता पैदा करता है। 130 पदों के लिए जो प्रस्ताव आए हैं, उन पर कोलेजियम जल्द फैसला कर लेगी।

स्तूप के आकार का होगा आंध्र का नया हाई कोर्ट

आंध्र प्रदेश के नए हाई कोर्ट भवन के निर्माण के लिए रविवार को वैदिक मंत्रों के साथ आधारशिला रखी गई। 42 एकड़ में बनने वाले इस परिसर में 732 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका डिजायन लंदन की कंपनी फोस्टर्स प्लस पार्टनर्स ने तैयार किया है। मुख्य भवन बौद्ध स्तूप की शक्ल वाला होगा। प्रख्यात शापूरजी पालोनजी कंपनी इस सात मंजिला इमारत का निर्माण करेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.