सूचना देने से इन्कार करने पर CIC ने DoPT को लगाई फटकार, कही ये बड़ी बात
CIC ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को सूचना आयुक्तों की नियुक्ति और पारदर्शिता कानून के नियमों से संबंधित रिकॉर्ड देने से इन्कार करने पर आलोचना की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सूचना आयुक्तों की नियुक्ति और पारदर्शिता कानून के नियमों से संबंधित रिकॉर्ड देने से इन्कार करने पर CIC ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की आलोचना की है। उन्होंने इसे कानून की आत्मा का गला घोटना बताया है। सूचना आयुक्त डीपी सिन्हा ने कोमोडोर लोकेश बत्रा (सेवानिवृत्त) द्वारा इस संबंध में मांगी गई जानकारी को नहीं देने के लिए धारा-8 (1)(I) का गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर मंत्रालय को फटकार लगाई है।
उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान मामले में जो सूचना देने से इन्कार किया गया है वह RTI ACT 2005 के तहत सूचना आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा है।' भार्गव ने कहा कि आयोग तत्कालीन केंद्रीय जनसंपर्क अधिकारी (CPIO) की निंदा करता है जिन्होंने आरटीआइ कानून की धारा 8(1)(I) का हवाला दिया है और वर्तमान सीपीआइओ को चेतावनी दी जाती है कि जवाब देने में इस तरह बिना सोचे-समझे काम नहीं करें। सीआइसी ने निर्देश दिया कि इस आदेश को मंत्रालय के सचिव के समक्ष रखें और उन्हें बताएं कि आयोग ने इसमें 'विपरीत टिप्पणी' की है।
बता दें कि बत्रा ने सूचना मांगने के लिए दो अलग-अलग RTI आवेदन दायर किए थे, लेकिन उन्हें इस आधार पर जानकारी देने से इन्कार कर दिया गया कि ये कैबिनेट के कागजात थे, जिन पर अंतिम फैसला आने से पहले जानकारी नहीं दी जा सकती है। हालांकि मंत्रालय ने संप्रग शासन के दौरान जब सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों की प्रक्रिया चल रही थी तभी इसकी जानकारी उजागर कर दी थी। जानकारी देने से इन्कार करने के बाद बत्रा ने आयोग से संपर्क किया।