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चीन ने की आखिरी समय तक सरकार को बचाने की कोशिश, ओली का जाना नेपाल में चीन की हार

नेपाल में अपना वफादार प्रधानमंत्री बनवाने के लिए ही चीन ने वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के टुकड़े कराए। पुष्प कमल दहल प्रचंड को कमजोर किया और केपी शर्मा ओली को मजबूत किया। पहले 2015 में ओली को प्रधानमंत्री बनवाया लेकिन वह चल नहीं पाए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 10:40 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 01:13 AM (IST)
चीन ने की आखिरी समय तक सरकार को बचाने की कोशिश, ओली का जाना नेपाल में चीन की हार
ओली सरकार का जाना नेपाल में चीन की हार, भारतीय हितों की परोक्ष जीत।

नई दिल्ली, एजेंसियां। नेपाल में ओली सरकार का गिरना वस्तुत: चीन की हार है। चीन अपने समर्थक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी बचाने के लिए 2020 से प्रयासरत था। काठमांडू में चीन की राजदूत ही नहीं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कई बड़े नेताओं ने नेपाल का दौरा कर वहां पर बिगड़ी बात बनाने की भरसक कोशिश की लेकिन वे विफल रहे। चीन की कोशिश आखिरी समय तक चली, लेकिन वह नाकामयाब रही।

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ओली विरोधियों की एकजुटता से चीन की दाल नहीं गली

नेपाल में ओली सरकार को बनाए रखना एक तरह से चीन के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था। इसलिए आखिर के हफ्तों में चीनी राजदूत होऊ यांकी ने राजनयिक गरिमा को दरकिनार करते हुए ओली के समर्थन में नेपाली सांसदों को लामबंद करने की कोशिश तक की। विश्वास मत के दौरान ओली सरकार के समर्थन के लिए कई वरिष्ठ सांसदों को फुसलाया गया, लेकिन ओली विरोधियों की एकजुटता से चीन की दाल नहीं गली।

भारत को घेरने के लिए चीन का प्रयास नेपाल को अपनी मुट्ठी में रखने का था

हिमालय की तलहटी में बसे नेपाल को अपनी मुट्ठी में रखने के लिए चीन पिछले कई दशकों से प्रयास कर रहा है। ऐसा कर वह भारत को घेरने की कोशिश में है, लेकिन नेपाल की भौगोलिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियां चीन की साजिश को सफल नहीं होने दे रहीं।

चीन ने नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के टुकड़े कराए, प्रचंड को किया कमजोर

माना जाता है कि नेपाल में अपना वफादार प्रधानमंत्री बनवाने के लिए ही चीन ने वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के टुकड़े कराए। पुष्प कमल दहल प्रचंड को कमजोर किया और केपी शर्मा ओली को मजबूत किया। पहले 2015 में ओली को प्रधानमंत्री बनवाया, लेकिन वह चल नहीं पाए। 2018 में एक बार फिर कोशिश की गई, लेकिन ओली इस बार भी बीच में ही गिर गए।

ओली सरकार का जाना नेपाल में चीन की हार तो भारतीय हितों की परोक्ष जीत

ओली सरकार का जाना नेपाल में चीन की हार तो भारतीय हितों की परोक्ष जीत है। क्योंकि अतीत में ओली के अतिरिक्त बने सभी प्रधानमंत्रियों ने नेपाल के लिए भारत के महत्व को समझा और भारत को तवज्जो दी।


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