मुख्यमंत्री शिवराज ने कोरोना नियंत्रण और व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए जिलों में 'कमांड कंट्रोल रूम' बनाने को कहा
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की कोरोना नियंत्रण और व्यवस्थाओं की समीक्षा। कलेक्टरों से कहा देखें कि मरीजों से मनमाना शुल्क न वसूल सकें निजी अस्पताल।
भोपाल, जेएनएन। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए हर जिले में अस्पतालों में व्यवस्था की गई है। निजी अस्पतालों को भी अनुबंधित किया है। बहुत से कोरोना संक्रमित घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इसके लिए हर जिले में कमांड कंट्रोल रूम बनाए जाएं, ताकि निरंतर देखभाल और निगरानी की जा सके। यहां एंबुलेंस भी रखी जाए और दिन में कम से कम दो बार मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना नियंत्रण और व्यवस्थाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए कलेक्टरों को दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश धीरे-धीरे पूरी तरह से लॉकडाउन खोलने की दिशा में आगे ब़़ढ रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि हमारी मशीनरी इसकी चुनौतियों के लिए पहले से ही तैयार हो जाए। कोरोना का इलाज कर रहे निजी अस्पतालों में जरूरी संसाधन हों, यह देखा जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि मरीजों से मनमाना शुल्क न वसूला जाए।
समीक्षा के दौरान इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, रतलाम, झाबुआ, आलीराजपुर के कलेक्टरों को दूसरे जिलों की तुलना में अधिक संक्रमण होने की वजह से विशेषष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। 14 हजार 337 एक्टिव प्रकरण बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कोरोना के एक्टिव प्रकरण 14 हजार 337 हैं। इस मामले में प्रदेश देश में 17वें स्थान पर आ गया है। कोरोना पॉजिटिव के स्वस्थ होने की दर 76.4 प्रतिशत है।
मध्य प्रदेश में गुरुवार को कोरोना के 1672 मामले सामने आए हैं। यह 1 दिन में सबसे बड़ी संख्या है। इसके पहले सर्वाधिक 1558 मरीज 3 दिन पहले मिले थे। 23722 मरीजों की जांच में इतने पॉजिटिव मिले हैं। कुल सैंपल में 7 फीसद पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं कोरोना से 30 मरीजों की मौत हुई है।