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CM बनते ही हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला, पत्‍थलगड़ी मामले में हजारों लोगों पर से देशद्रोह का केस वापस

Jharkhand. महागठबंधन सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक हुई। इस बैठक में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ तीनों मंत्री मौजूद रहे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 06:09 PM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 07:17 PM (IST)
CM बनते ही हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला, पत्‍थलगड़ी मामले में हजारों लोगों पर से देशद्रोह का केस वापस
CM बनते ही हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला, पत्‍थलगड़ी मामले में हजारों लोगों पर से देशद्रोह का केस वापस

रांची, जेएनएन। शपथ लेते ही मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़े और कड़े फैसले लिए। सीएम ने पत्‍थलगड़ी मामले में देशद्रोह का केस झेल रहे हजारों लोगों को राहत देते हुए मुकदमा वापस लेने का फैसला किया है। इसके साथ ही छह जनवरी से 8 जनवरी तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इसके लिए स्‍टीफन मरांडी को प्रोटेम स्‍पीकर चुना गया। इस सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। 6 जनवरी को विधायकों का शपथ ग्रहण होगा और 7 को विधानसभा अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। 7 को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इस सत्र में वित्तीय वर्ष 19-20 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट पेश होगा।

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कैबिनेट के फैसलों के मुताबिक सीएनटी एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध करने वालों पर दर्ज मुकदमे भी वापस होंगे। सरकारी स्तर पर सभी रिक्तियों को प्राथमिकता पर भरा जाएगा। सभी उपायुक्त प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर लंबित भुगतान को पूर्ण करेंगे। अनुबंध कर्मियों आंगनबाड़ी सेविका लोगों को पेंशन छात्रवृत्ति और पारा शिक्षकों को बकाया मानदेय का भुगतान होगा। सभी उपायुक्त एवं नगर आयुक्त गरीबों के बीच कंबल एवं ऊनी टोपी का वितरण करेंगे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ लेने के बाद रविवार को कैबिनेट की पहली बैठक की। इसमें उन्‍होंने कई अहम निर्णय लिए। कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सरकार पत्‍थलगड़ी के सारे केस वापस लेगी। इसके अलावा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। इसमें नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। कैबिनेट की बैठक में तीन अहम फैसले लिए गए।

नई सरकार बनने के बाद यह कैबिनेट की पहली बैठक है। इस बैठक में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ तीन मंत्री भी मौजूद हैं। इनमें रामेश्‍वर उरांव, आलमगीर आलम और सत्‍यानंद भोक्‍ता शामिल हैं। इससे पूर्व झारखंड मंत्रालय पहुंचने पर यहां के कर्मियों ने हेमंत सोरेन का स्वागत किया और जिंदाबाद के नारे लगाए। इसके बाद हेमंत सोरेन ने लोगों को जिंदाबाद के नारे लगाने से मना किया। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर काम करना है, नई गति से काम करना है। कहा कि सभी अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार काम करें। झारखंड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं ताकि हम गौरव से कह सकें कि हम झारखंड के नागरिक और झारखंड के कर्मचारी हैं।

सरकार गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले

  1. मंत्रिपरिषद द्वारा पंचम झारखंड विधानसभा के माननीय सदस्यगण को शपथ या प्रतिज्ञान कराने के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद-180 (1) के अधीन प्रोटेम स्पीकर के रूप में श्री स्टीफन मरांडी, नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्य को नियुक्त करने हेतु अनुशंसा करने का निर्णय लिया गया।
  2. पंचम झारखंड विधानसभा के प्रथम सत्र को दिनांक 06 जनवरी 2020 से 08 जनवरी 2020 तक निम्न औपबंधिक कार्यक्रम अनुसार आहूत करने की स्वीकृति दी गई। 06 जनवरी 2020 को झारखंड विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान। 07 जनवरी 2020 को झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियम 8 (I) के अधीन अध्यक्ष का निर्वाचन। भारत के संविधान के अनुच्छेद 176 (I) के अधीन 11:30 बजे पूर्वाह्न में झारखंड विधानसभा में माननीया राज्यपाल का अभिभाषण। वित्तीय  वर्ष 2019-2020 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन। 08 जनवरी 2020 को माननीया राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का उपस्थापन, वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान। वित्तीय वर्ष 2019-2020 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर सामान्य वाद-विवाद, मतदान, तत्संबंधी विनियोग विधेयक का उपस्थापन /पारण।
  3. मंत्रिपरिषद के द्वारा झारखंड राज्य में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन को संपन्न कराने के लिए भारत सरकार के निर्वाचन आयोग को धन्यवाद दिया गया।
  4. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में संशोधन के विरोध करने के फलस्वरूप तथा पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं, उन्हें वापस लेने का निर्णय लिया गया तथा तदनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
  5. राज्य सरकार में विभिन्न विभागों में जितनी भी रिक्तियां हैं, उन्हें यथाशीघ्र भरने का निर्देश दिया गया।
  6. महिलाओं तथा अवयस्कों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीड़न एवं अन्य अपराधों के बारे में प्रत्येक जिला में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करते हुए न्यायिक पदाधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन करने का निर्णय लिया गया।
  7. सभी जिला के उपायुक्त विभिन्न प्रकार के अनुबंध कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विभिन्न श्रेणियों के पेंशन भोगियों सभी प्रकार की छात्रवृत्तियां एवं पारा शिक्षकों से संबंधित सभी लंबित भुगतान पूर्ण कराने के लिए प्रखंड तथा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर की कार्रवाई करें।
  8. सभी उपायुक्त यथाशीघ्र अपने-अपने जिलों में गरीब एवं पात्र व्यक्तियों के बीच कंबल, ऊनी टोपी वितरण का कार्य संपन्न करावें। जाड़े से राहत के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की जाय।
  9. झारखंड राज्य सरकार के प्रतीक चिन्ह (Logo) पर विमर्श किया गया। इसे झारखंड राज्य की संस्कृति, परंपरा, इतिहास एवं स्वर्णिम भविष्य के अनुरूप संशोधित करने की आवश्यकता है। इस संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित कर इसे नया स्वरूप देने की कार्रवाई की जाय।

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