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वनउत्पादों में अग्रणी बना छत्तीसगढ़, रही बड़ी भागीदारी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में छत्तीसगढ़ ने वन उत्पादों में बड़ी भागीदारी प्राप्त की है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 08:05 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 08:05 AM (IST)
वनउत्पादों में अग्रणी बना छत्तीसगढ़, रही बड़ी भागीदारी
वनउत्पादों में अग्रणी बना छत्तीसगढ़, रही बड़ी भागीदारी

रायपुर, एएनआइ। कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के बीच वन उत्पादों में छत्तीसगढ़ अग्रणी रहा वह भी ऐसे वक्त में जब देश भर में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार पर पूर्ण रूप से ब्रेक लगा दी गई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह बघेल (Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में इस अवधि के दौरान राज्य के खाते में बेहतर उपलब्धियां दर्ज हुई। 

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आधिकारिक बयान में लिखा है,' वन में काम करने वालों को करीब 2500 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है। TRIFED से प्राप्त डाटा के अनुसार, राज्य में अब तक एक लाख क्विंटल वन उत्पाद एकत्र किए गए हैं, जिसके लिए कलेक्टरों को करीब 30.20 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।' 

राज्य में हर साल 15 लाख बोरियां तेंदूपत्ता संग्रह की जाती है। इससे 12 लाख 65 हजार परिवारों को रोजगार मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा तेंदूपत्ता का मूल्य बढ़ाकर अब 4,000 रुपये प्रति मानक बोरी कर दी गई है, जिससे उन्हें 649 करोड़ रुपये का सीधा फायदा मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले वन उत्पादों की संख्या 7 से बढ़ाकर अब 25 कर दी है। योजना के दायरे में लाए गए वन उत्पादों का कुल 930 करोड़ रुपये का व्यापार प्रदेश के अंदर होता है। वन उत्पादों की खरीदी 866 हाट-बाजारों के माध्यम से की जा रही है। प्रदेश में काष्ठ कला विकास, लाख चूड़ी निर्माण, दोना पत्तल निर्माण, औषधि प्रसंस्करण, शहद प्रसंस्करण, बेल मेटल, टेराकोटा हस्तशिल्प कार्य आदि से 10 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन हो रहा है। वन विकास निगम के जरिए बांस फर्नीचर निर्माण कार्य, वन-औषधि बोर्ड के जरिए औषधीय पौधों का रोपण आदि से करीब 14 हजार युवकों को रोजगार दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि अभी नॉवेल कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। ऐसे में वन में काम करने वाले श्रमिकों द्वारा संग्रहित  वन उत्पाद के कारण न केवल उनकी आजीविका बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी पटरी पर है। 


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