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नक्सलियों को उनके घर में घेरकर मारने की तैयारी, गृह मंत्रालय ने बनाई रणनीति, शाह के साथ बैठक में अहम चर्चा

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में लगभग दो दर्जन जवानों के शहीद होने के बाद गृह मंत्रालय कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो नए आपरेशन में जंगलों के बीच नक्सलियों को पनाहगाह को नेस्तानाबूद कर उनके संगठन को पूरी तरह छिन्न-भिन्न करने की होगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 09:21 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 07:08 AM (IST)
नक्सलियों को उनके घर में घेरकर मारने की तैयारी, गृह मंत्रालय ने बनाई रणनीति, शाह के साथ बैठक में अहम चर्चा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले को लेकर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।

नई दिल्ली, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में लगभग दो दर्जन जवानों के शहीद होने के बाद गृह मंत्रालय कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि अब नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने की रणनीति पर काम हो रहा है। इस नए आपरेशन का उद्देश्य घने जंगलों के बीच नक्सलियों को पनाहगाह को नेस्तानाबूद कर उनके संगठन को पूरी तरह छिन्न-भिन्न करने की होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।

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दिए आर-पार की लड़ाई के संकेत

असम में अंतिम चरण के चुनाव प्रचार को बीच में छोड़कर लौटे अमित शाह ने साफ कर दिया कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अधिक मजबूती के साथ लड़ी जाएगी। माना जा रहा है कि छह अप्रैल को असम, तमिलनाडु और केरल के विधानसभा चुनाव का मतदान पूरा होने के बाद अतिरिक्त केंद्रीय बलों को छत्तीसगढ़ भेजा जा सकता है। गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा आपरेशन शुरूकिए जाने के भी संकेत दिये।

छत्तीसगढ़ के सीएम को दिया मदद का भरोसा

नक्सली हमले में जवानों की शहादत की सूचना मिलते ही अमित शाह ने तत्काल छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की और नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन में केंद्र सरकार की हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह को तत्काल छत्तीसगढ़ जाकर हालात का जायजा लेने को कहा।

दिल्‍ली लौटे शाह

रविवार को असम के तीसरे और अंतिम चरण के मतदान के लिए प्रचार का अंतिम दिन होने के कारण अमित शाह को तीन सभाओं को संबोधित करना था। जिनमें असम के वित्तमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के चुनाव क्षेत्र की सभा भी शामिल थी। सरमा के साथ जालगुड़ी विधानसभा चुनाव क्षेत्र के सौलकुची में पहुंचने के तत्काल बाद शाह को नक्सली हमले की खबर मिली। इसके बाद शाह बिना कुछ बोले वापस गुवाहाटी और उसके बाद दिल्ली लौट गए।

अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक

दिल्ली लौटने के बाद अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार के साथ सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में ताजा हालात के साथ-साथ नक्सलियों के खिलाफ आगे के आपरेशन की रणनीति पर भी चर्चा की गई।

दिया कड़ी कार्रवाई का भरोसा

नक्सलियों के खिलाफ बड़े आपरेशन का संकेत अमित शाह ने यह कहकर दिया कि हमारे जवान शहीद हुए हैं, मैं उन सभी जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं। उनके परिवार जनों और देश को इतना विश्वास दिलाता हूं कि जवानों ने देश के लिए जो अपना खून बहाया है, वह व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई न सिर्फ जारी रहेगी, बल्कि हम इसको अंतिम परिणाम तक ले जाएंगे।

पहले से ही चल रही थी कार्रवाई की तैयारी

गृहमंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जल्द ही नक्सलियों के खिलाफ नई रणनीति के साथ बड़ा आपरेशन शुरू किया जा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसकी तैयारी पहले से ही चल रही थी, लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती को देखते हुए इसे शुरू नहीं किया जा सका था। छह अप्रैल को असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में मतदान का काम पूरा हो जाएगा। उसके बाद वहां से खाली हुए अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को छत्तीसगढ़ के लिए रवाना किया जा सकता है।

एक दशक में नक्सली हिंसा पर कसी है नकेल

अधिकारी ने कहा कि पिछले एक दशक में नक्सली हिंसा को रोकने में काफी सफलता मिली है। 2009 में 2258 नक्सली हिंसक वारदातों की तुलना में 2020 में केवल 665 वारदातें ही दर्ज की गईं। यानी इसमें 70 फीसद की गिरावट आई। इसी तरह से नक्सली हिंसा में मारे जाने वाले सुरक्षा बलों और आम आदमी की संख्या में भी 80 फीसद की गिरावट आई है और 2010 के आंकड़े 1005 की तुलना में 2020 में 183 लोग ही मारे गए। इसके बावजूद नक्सली अब भी हमला करने में सक्षम हैं और उनकी कमर को नहीं तोड़ा जा सका है।


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