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कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों को बघेल ने दी नसीहत, कहा- दिक्कत न नींव में है, न ढांचे में

इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को लेकर वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के ट्वीट पर भी सीएम बघेल ने इसी तरह की नसीहत दी थी। सिब्बल का नाम लिए बिना बघेल ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व का सवाल पार्टी का अंदरूनी मसला है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 10:57 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 10:59 PM (IST)
कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों को बघेल ने दी नसीहत, कहा- दिक्कत न नींव में है, न ढांचे में
राष्ट्रीय कांग्रेस नेतृत्व पर उठ रहे सवाल पर मुख्यमंत्री बघेल ने किया ट्वीट

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों को नसीहत दी है। बघेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक 'विचार' है और 'विचार' का कोई 'ढांचा' नहीं होता, 'नींव' होती है। सड़क पर हाथ में तिरंगा और कांग्रेस का झंडा थामकर खड़े हों, तब समझ में आएगा कि दिक्कत न नींव में है, न ढांचे में।

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बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्कलह बढ़ता जा रहा है। एक के बाद एक वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस पर सोमवार को मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट किया है। सीएम ने लिखा है कि अभी कुछ लोगों ने हमारी कांग्रेस पार्टी को लेकर सार्वजनिक बयान दिए हैं। कांग्रेस पार्टी एक 'विचार' है और 'विचार' का कोई 'ढांचा' नहीं होता, 'नींव' होती है। और कांग्रेस पार्टी की यह नींव करोड़ों कार्यकर्ताओं के खून-पसीने से सिंचित हुई है और होती रहती है। जो भी लोग व्यवस्था, ढांचा, नेतृत्व परिवर्तन जैसे विषय उठा रहे हैं, उन्होंने अभिव्यक्ति का गलत मंच चुना है। लेकिन समय की जरूरत है कि हम सभी हर दिन सड़क पर लाठी-डंडे खाकर, खून-पसीना बहाकर, 'आइडिया आफ इंडिया' को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हमारे कार्यकर्ता साथियों के साथ..सड़क पर हाथ में तिरंगा और कांग्रेस का झंडा थामकर खड़े हों। तब समझ में आएगा कि दिक्कत न नींव में है, न ढांचे में।

नेतृत्व का सबसे बड़ा उदाहरण है छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कार्यकर्ता

इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को लेकर वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के ट्वीट पर भी सीएम ने इसी तरह की नसीहत दी थी। सिब्बल का नाम लिए बिना बघेल ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व का सवाल पार्टी का अंदरूनी मसला है। इस पर सार्वजनिक रूप से बात करना ठीक नहीं। किसी को भी इससे बचना चाहिए। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दृढ़ मनोबल और नेतृत्व का सबसे बड़ा उदाहरण है। यहां हम 15 साल बाद भी लौट सकते हैं और ठीक तरह से लौट सकते हैं। इतिहास गवाह है कि कांग्रस ने हर चुनौती का सामना किया है और अपने लाखों कार्यकर्ताओं के साथ फिर उठ खड़ी हुई है।


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