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भोपाल से दिल्ली तक शह-मात का खेल, दांव पर मप्र सरकार, भाजपा के पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा हटी

भाजपा मध्य प्रदेश में वह सत्ता में वापस आ जाए और दूसरा राज्यसभा में दोनों सीटों पर उसका कब्जा बरकरार रहे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 10:16 PM (IST)
भोपाल से दिल्ली तक शह-मात का खेल, दांव पर मप्र सरकार, भाजपा के पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा हटी
भोपाल से दिल्ली तक शह-मात का खेल, दांव पर मप्र सरकार, भाजपा के पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा हटी

भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में पांच दिनों से चला आ रहा शह-मात का खेल शुक्रवार को भी जारी रहा। प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक सियासत गर्म रही। कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे पर अड़े रहने से सियासी संकट और भी गहरा गया है। इस सियासी तूफान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अगले दो दिनों के अपने सारे कार्यक्रम रद कर दिए हैं।

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कुनबा संभालने में जुटे दिग्विजय-कमलनाथ, सिंधिया की चुप्पी रहस्यमय बनी

संकट से निपटने के लिए कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रबंधन में जुटे हैं। इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुप्पी रहस्यमय बनी हुई है। उधर, शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में भी सरकार को लेकर तनाव दिखा। मंत्रियों के सुझाव पर चर्चा बाद में करने की बात कहकर मामला टाल दिया गया।

कांग्रेस ने भी भाजपा के घर में सेंध लगाना शुरू कर दिया

भाजपा की ओर से अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने भी उसके घर में सेंध लगाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसी रणनीति के तहत दमोह जिले के हटा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक पुरुषोत्तम कुमार तंतुवाय लापता हो गए थे। सूत्रों ने बताया कि बसपा विधायक रामबाई उन्हें लेकर मुख्यमंत्री निवास आई थीं। उधर, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा कि जब वे बेंगलुरु से वापस आने के लिए निकले तो कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया।

संकट से तिलमिलाई कांग्रेस सरकार ने भाजपा नेताओं की सुरक्षा हटाई

उधर, सरकार पर छाए संकट से तिलमिलाई कांग्रेस सरकार ने भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की सुरक्षा भी हटा दी। पूर्व मंत्री संजय पाठक, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद सिंह भदौरिया, विश्वास सारंग सहित कई नेताओं की सुरक्षा में लगे जवानों की सेवाएं सरकार ने वापस ले लीं।

राज्यसभा सीट के साथ सत्ता हासिल करने की कोशिश में भाजपा

भाजपा दिल्ली से सियासी हालात को अपने अनुरूप बनाने में जुटी है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, नरोत्तम मिश्रा ने छह घंटे तक रणनीति बनाई।

भाजपा सत्ता में वापसी और राज्यसभा में दोनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखना चाहती है

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा लगभग 12 कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में लाना चाहती है ताकि उसके दोनों काम हो जाएं। पहला, मध्य प्रदेश में वह सत्ता में वापस आ जाए और दूसरा राज्यसभा में दोनों सीटों पर उसका कब्जा बरकरार रहे।

तीनों कांग्रेस विधायक नहीं लौटे

कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, रघुराज सिंह कंषाना और हरदीप सिंह डंग चौथे दिन भी भोपाल नहीं लौटे। डंग ने गुरुवार को अपना इस्तीफा भेजने के बाद मौन धारण कर लिया है। कहा जा रहा है कि तीनों विधायकों को भाजपा ने बेंगलुरु में किसी अज्ञात स्थान पर भिजवा दिया है।

डंग ने पत्र लिखा है, जो इस्तीफा नहीं है: दिग्विजय

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा नहीं दिया है। वह कांग्रेस के साथ ही हैं। उन्होंने केवल पत्र लिखा है।

इस्तीफा विधिसम्मत नहीं: गोविंद

कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ने डंग का इस्तीफा विधिसम्मत नहीं है। यह तब तक मान्य नहीं है, जब तक वह विधानसभा अध्यक्ष के सामने उपस्थित होकर उचित ढंग से नहीं देते हैं।

मैं सरकार के साथ: प्रदीप

इस बीच खनिज मंत्री व निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने भी उन अटकलों को खारिज किया कि वह कमलनाथ सरकार से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह कमलनाथ के साथ हैं।

भाजपा विधायकों ने जताई हत्या की आशंका

भाजपा विधायक संजय पाठक ने दावा किया है कि उनकी जान को खतरा है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस में जाने की अटकलों से भी इन्कार किया है। भाजपा नेता विश्वास सारंग ने भी आरोप लगाया कि सरकार मेरी सुरक्षा हटाकर हत्या कराना चाहती है।

मंत्रियों ने की इस्तीफे की पेशकश

कयास लगाए जा रहे हैं कि निर्दलीय और सपा-बसपा एवं कांग्रेस के नाराज विधायकों को साधने के लिए कमलनाथ नए सिरे से कैबिनेट की शपथ करवा सकते हैं। शुक्रवार को कैबिनेट विस्तार के नजरिए से मंत्रियों ने इस्तीफा देने की पेशकश भी की।

हमारे नेता बिकाऊ नहीं : कमलनाथ

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में आयोजित एक सामाजिक समारोह में कहा कि हमारे नेता सिद्घांतों और सेवा की राजनीति करते हैं। हमें अपनी राजनीति की ऐसी पहचान बनानी है कि हमें उस पर गर्व हो। ऐसी पहचान बनाएं कि हम छाती ठोंककर कह सकें कि हम मध्य प्रदेश से हैं। उन्होंने कहा कि यहां जो नेता हैं, वे बिकाऊ नहीं हैं।


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