आंध्र प्रदेश: पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सिक्योरिटी में बदलाव, सिक्योरिटी रिव्यू कमिटी का फैसला
अब तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को दी जा रही जेड प्लस सुरक्षा में बदलाव के संकेत दिए गए हैं। यह बदलाव का फैसला सिक्योरिटी रिव्यू कमिटी के तहत लिया गया है।
हैदराबाद, एएनआइ। आंध्र प्रदेश के डीजीपी ऑफिस की ओर से बुधवार को यहां के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के सिक्योरिटी से संबंधित बदलाव का ऐलान किया गया। डीजीपी ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सिक्योरिटी में बदलाव किया जाएगा। यह बदलाव सिक्योरिटी रिव्यू कमिटी के फैसले के तहत लिया गया है। अभी तक उनके मौजूदा सुरक्षा में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। बता दें कि उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मुहैया है।
चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश की कई सरकारी सुविधाओं को पहले ही खत्म कर दिया गया था। यह सभी कमियां नियमों के साथ की गई हैं। नारा लोकेश की जेड प्लस सुरक्षा 5+5 से कम करके 2+2 कर दी गई। इसके अलावा नायडू के परिवार के सभी सदस्यों की सुरक्षा भी वापस ले ली गई। बता दें कि इससे पहले जगनमोहन रेड्डी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू के आवास प्रज्ञा वेदिका इमारत को भी तोड़ने का आदेश दे दिया जिसका पालन किया गया। बता दें कि चंद्र बाबू नायडू ने मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने प्रज्ञा वेदिका को नेता प्रतिपक्ष का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी। इस पर तेदेपा ने कहा था कि यह सब बदले के लिए किया गया।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी का कहना है कि सुरक्षा में कमी करने का यह फैसला चंद्रबाबू नायडू को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया जा रहा है। तेदेपा के राज्य प्रभारी काला वेंकटा राव ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने एकतरफा फैसला किया है।
कुछ समय पहले आंध्र प्रदेश की मौजूदा जगन मोहन सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबी रहे डीजीपी रैंक के अधिकारी एबी वेंकटेश्वर राव को सस्पेंड कर दिया था। दरअसल, स्टेट इंटेलिजेंस चीफ रहने के दौरान उनपर राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। मुख्मंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद जगन मोहन रेड्डी ने वेंकटेश्वर राव को हटा दिया था। इसके बाद मुख्य सचिव नीलम साहनी ने निलंबन का आदेश जारी किया।