छत्तीसगढ़ में कुलपति की नियुक्ति पर राजभवन और सरकार में टकराव के आसार
दोनों विश्वविद्यालयों के लिए कुलपति चयन को लेकर राज्यपाल अनुसुईया उइके और सरकार के बीच कई दौर की बात हुई है लेकिन एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच टकराव के आसार बढ़ गए हैं। राजभवन ने बीते दो दिनों में राज्य के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति का आदेश जारी किया है। दोनों ही नियुक्त कुलपति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि के बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि आरएएस की पृष्ठभूमि वालों को कुलपति बनाए जाने से सरकार नाखुश है।
कुलपतियों की नियुक्ति के लिए नए नियम बनाने की तैयारी में सरकार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि इस मुद्दे पर काफी चर्चा हुई है, मगर हमारी राय अलग थी। उन्होंने (राज्यपाल) अपना काम कर लिया अब हम अपना काम करेंगे। इसके साथ ही इस बात की चर्चा गर्म हो गई है कि सरकार कुलपतियों की नियुक्ति के लिए नए नियम बनाने की तैयारी में है।
कुलपति चयन को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री में ठनी
सूत्रों के अनुसार दोनों विश्वविद्यालयों के लिए कुलपति चयन को लेकर राज्यपाल अनुसुईया उइके और सरकार के बीच कई दौर की बात हुई है, लेकिन एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। इस वजह से मामला लंबे समय से अटका पड़ा था।
प्रोफेसर बलदेव भाई को कुशाभाऊ ठाकरे विवि की कमान
राजभवन ने प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा को कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का नया कुलपति बनाया है। प्रो. बलदेव अभी हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष हैं।
कुलपति वंश गोपाल सिंह का पांच साल के लिए बढ़ाया कार्यकाल
राजभवन ने पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी बिलासपुर के कुलपति वंश गोपाल सिंह को फिर से पांच साल के लिए कुलपति नियुक्त कर दिया है। इनकी नियुक्ति पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने की थी।
एक साल से अटका था दोनों कुलपतियों का मामला
इन दोनों विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति का मामला करीब एक वर्ष से अटका था। राजभवन ने कुलपति चयन के लिए दो अलग- अलग समितियों का गठन किया था। दोनों समितियां अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी हैं। ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति के लिए समिति ने सात नामों का पैनल बनाया था। इसी तरह कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के लिए भी छह से अधिक नामों का पैनल बना था।
बेहद सक्रिय राज्यपाल
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके बेहद सक्रिय रहती हैं। करीब आठ माह पहले ही उन्होंने राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली है। इसके बाद से राजभवन से आम लोगों से जुड़े मामलों में विभागों को सीधे निर्देश जारी किए जा रहे हैं। राजभवन को प्राप्त होने वाले ज्ञापनों पर भी अधिकारी लगातार राजभवन तलब किए जा रहे हैं।