सांसद हैं कि मानते ही नहीं, सदन में देरी से आने पर वैंकेया नायडू ने लगाई लताड़
11 बजे से शुरु हुए सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही बेंचों में गिनती के ही सदस्य मौजूद थे। सदन की ज्यादातर सीटें खाली थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के दोनों ही सदनों से सांसदों की अनुपस्थिति का मुद्दा भले ही लगातार उठ रहा है, लेकिन फिलहाल सांसदों के रवैए में कोई सुधार दिख नहीं है। यही वजह है कि बुधवार को फिर राज्यसभा में सभापति वैंकेया नायडू ने सदस्यों के समय से आने और उपस्थिति को लेकर चिंता जताई। साथ ही कहा कि यह ठीक नहीं है।
सदन में आने के बाद बातचीत न करने की भी दी सलाह
राज्यसभा में सभापति वैंकेया नायडू ने सदस्यों ने सदन के अंदर बातचीत न करने की भी सलाह दी। कहा कि यदि किसी को बातचीत करनी है, तो वह सदन के बाहर लॉबी में जाकर बातचीत करें।
सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ज्यादातर सीटों को खाली देख जतायी नाखुशी
खासबात यह है कि सभापति की इस नाखुशी से पहले प्रधानमंत्री भी मंत्रियों सहित सदस्यों के सदन में न बैठने को लेकर चिंता जता चुके है। इसके साथ ही भाजपा और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल भी अपने-अपने सांसदों को सदन में पूरे समय उपस्थिति रहने और चर्चा में तैयारी के साथ हिस्सा लेने के निर्देश दे चुकी है। बावजूद इसके सांसदों के रवैए में बदलाव नहीं दिख रहा है।
सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ज्यादातर सीटें खाली थी
राज्यसभा में सभापति ने बुधवार को सदस्यों के समय से न आने को लेकर यह सवाल तब खड़ा किया, जब 11 बजे से शुरु हुए सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही बेंचों में गिनती के ही सदस्य मौजूद थे। सदन की ज्यादातर सीटें खाली थी।
संसद के दोनों सदनों में सिर्फ गिनती के सदस्य मौजूद
गौरतलब है कि संसद के दोनों ही सदनों में पिछले दिनों भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला था, जब दोनों ही सदनों में सिर्फ गिनती के सदस्य मौजूद थे।