Move to Jagran APP

केंद्र ने सिर्फ बालाघाट को नक्सल प्रभावित माना, 8 जिलों के सक्रिय नेटवर्क का गढ़ है

सूत्रों के मुताबिक नक्सली छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में घटनाओं को अंजाम देने के बाद बालाघाट के जंगल में आकर न सिर्फ छुपते हैं बल्कि इन जंगलों में नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप चलते हैं।

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 11:33 AM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 11:39 AM (IST)
केंद्र ने सिर्फ बालाघाट को नक्सल प्रभावित माना, 8 जिलों के सक्रिय नेटवर्क का गढ़ है
केंद्र ने सिर्फ बालाघाट को नक्सल प्रभावित माना, 8 जिलों के सक्रिय नेटवर्क का गढ़ है

भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। मप्र में भले ही बहुत ज्यादा नक्सली गतिविधियां सामने नहीं आती हों, लेकिन हकीकत यह है कि नक्सली प्रदेश के लगभग 8 जिलों में सक्रिय हैं। केंद्र सरकार मप्र में सिर्फ बालाघाट को नक्सल प्रभावित जिला मानती है, लेकिन इससे सटे कई जिलों में नक्सली सक्रिय हैं। राज्य सरकार कई बार केंद्र सरकार से मंडला को भी नक्सल प्रभावित जिला घोषित करने का अनुरोध कर चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

loksabha election banner

बालाघाट में भी नक्सली घटना तो सामने नहीं आती है, लेकिन महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से लगे जिले के घने जंगलों को नक्सलियों ने अपनी शरणस्थली बना रखा है। यहां नक्सलियों से निपटने के लिए हॉक फोर्स तैनात है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक नक्सली छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में घटनाओं को अंजाम देने के बाद बालाघाट के जंगल में आकर न सिर्फ छुपते हैं बल्कि इन जंगलों में नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप चलते हैं।

कई जिलों में फैलाया नेटवर्क
नक्सलियों ने बालाघाट के अलावा मंडला, डिंडौरी, सिंगरौली, अनूपपुर, खरगोन, बड़वानी में भी अपनी पैठ बनाई है। नक्सलियों ने किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दिया है, लेकिन उन्होंने इन जिलों में अपने संगठन को मजबूत किया है। सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों पत्थलगढ़ी अभियान भी नक्सलियों के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए चलाया गया था।

9 साल में 49 नक्सली घटना, 4 मौत
मप्र में नक्सली गतिविधियों का रिकॉर्ड बताता है कि पिछले 9 साल में नक्सली घटनाओं की वजह से 4 लोगों की मौत हुई है और 49 घटनाएं हुई हैं। 2018 में 15 मई तक 3 नक्सली घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। जिसमें फरवरी में मंडला में कान्हा नेशनल पार्क में वन विभाग के अमले पर हमले की घटना भी शामिल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.