CBI: एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप से SC का इन्कार
CBI Vs CBI,सुप्रीम कोर्ट ने एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
नई दिल्ली एएनआइ। CBI Vs CBI, सुप्रीम कोर्ट ने एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। यह याचिका एनजीओ कामन कॉज द्वारा CBI निदेशक की शॉर्ट-लिस्टिंग,चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता की भी मांग को लेकर दायर की गई है।
इस याचिका में सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष तंत्र तय करने की भी मांग की गई है। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि राव की नियुक्ति उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं की गई है। इस समिति में प्रधानमंत्री,सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता और शीर्ष कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित न्यायाधीश इसमें शामिल होते हैं।
अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि असल में लगता है कि समिति ने पूरी तरह से अनदेखा किया गया है और नागेश्वर राव की नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं है। इसलिए नियुक्ति को गैरकानूनी माना जाय क्योंकि यह निदेशक की नियुक्ति के लिए तय प्रक्रिया का उल्लंघन है। सीबीआइ डीएसपीई (दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैबलिशमेंट) अधिनियम के तहत आता है।
इसमें कहा गया है कि पिछले वर्ष 23 अक्टूबर के राव को सीबीआइ का अंतरिम निदेशक नियुक्त करने के आदेश को शीर्ष अदालत ने आठ जनवरी को निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी सरकार ने पूरी तरह से दुर्भावना,भेदभाव और गैरकानूनी तरीके से काम किया। उनकी फिर से की गई नियुक्ति पूरी तरह से डीएसपीई अधिनियम के विपरीत है। याचिका में केंद्र को डीएसपीई अधिनियम की प्रक्रियाओं का पालन करते हुए नियमित सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।