Move to Jagran APP

सीबीआइ में घमासान: शीर्ष अधिकारियों पर भी उछला एजेंसी का कीचड़

डीआइजी मनीष सिन्हा ने तबादले को चुनौती देते हुए बड़े-बड़े लोगों पर दखलंदाजी करने का आरोप लगाया, जिनमें एनएसए अजीत डोभाल समेत कुछ सचिव भी शामिल हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 12:29 AM (IST)
सीबीआइ में घमासान: शीर्ष अधिकारियों पर भी उछला एजेंसी का कीचड़
सीबीआइ में घमासान: शीर्ष अधिकारियों पर भी उछला एजेंसी का कीचड़

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सीबीआइ के अंदर मचे घमासान और एक-दूसरे पर उछाला जा रहा कीचड़ अब सरकार के शीर्ष अधिकारियों और कुछ छोटे मंत्रियों तक भी पहुंच गया है। कार्यभार से हटाए गए डीआइजी मनीष कुमार सिन्हा ने अपने तबादले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए बड़े-बड़े लोगों पर दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया है। इनमें केंद्रीय मंत्री हरिभाई चौधरी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल समेत कुछ सचिव भी शामिल हैं। चौधरी पर तो उन्होंने रिश्वत का भी आरोप जड़ दिया।

loksabha election banner

आंध्र प्रदेश कैडर के अधिकारी सिन्हा विशेष सीबीआइ निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच की निगरानी कर रहे थे। इस बीच, सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा ने सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस पर मंगलवार को सुनवाई करेगा।

MK Sinha

 डीआइजी सिन्हा ने हालांकि किसी भी मामले में सीधे इन अधिकारियों के हस्तक्षेप की बात नहीं की है। उन्होंने आरोपित से पूछताछ के दौरान इनके नाम सामने आने की बात कही है। आपसी लड़ाई में जुड़े अधिकारियों को हटाने के सिलसिले में सिन्हा का नागपुर तबादला कर दिया गया है। इससे पहले राकेश अस्थाना मामले की जांच से जुड़े डीएसपी एके बस्सी अपने तबादले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं। उनका तबादला पोर्ट ब्लेयर किया गया है।

मनीष सिन्हा की ओर से वकील सुनील फर्नाडीस ने मंगलवार को अर्जी पर तुरंत सुनवाई की गुहार लगाई। फर्नाडीस का कहना था कि इसके तथ्यों को देखकर सुप्रीम कोर्ट चौंक जाएगा। लेकिन, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने यह कहते हुए जल्द सुनवाई से इन्कार कर दिया कि कुछ भी हमें चौंकाता नहीं है।

तबादला दुर्भावना से प्रेरित
मनीष सिन्हा सीबीआइ के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज एफआइआर की जांच कर रही टीम के मुखिया थे और जांच की निगरानी कर रहे थे। 24 अक्टूबर को बिना कारण बताए उनका तबादला कर दिया गया। मनीष कुमार के अनुसार, वे 2013 में प्रतिनियुक्ति पर सीबीआइ आए थे और कई महत्वपूर्ण केस जांच से जुड़े रहे। इनमें नीरव मोदी और मेहुल चोकसी केस भी शामिल है।

लिया बड़े-बड़े लोगों का नाम
मनीष कुमार सिन्हा ने अर्जी में राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच के दौरान ऊंचे ओहदे पर बैठे बड़े लोगों पर दखलअंदाजी का आरोप लगाया। उनके अनुसार, 16 अक्टूबर की सुबह दुबई से लौटते ही मोइन कुरैशी मामले में मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उसने बड़े-बड़े लोगों से संबंध होने की बात कहते हुए अधिकारियों को डराने की कोशिश की। मनोज का कहना था कि उसके पिता, जो कि रॉ के सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव हैं, केएनएसए अजीत डोभाल से अच्छे संबंध हैं। उसने रॉ के विशेष सचिव सामंत गोयल का भी नाम लिया। यह भी कहा कि उसके भाई सोमेश और सामंत गोयल ने एक निजी मामले में डोभाल की मदद की थी।

डोभाल के कहने पर रुकी तलाशी
मनीष कुमार सिन्हा के अनुसार 20 अक्टूबर की दोपहर को सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा ने डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार के आफिस और घर की तलाशी बीच में रोक दी थी। बाद में आलोक वर्मा ने बताया कि इसके लिए निर्देश अजीत डोभाल ने दिया था। मनीष कुमार सिन्हा के अनुसार सतीश बाबू सना ने पूछताछ के दौरान कोयला एवं खनन राज्य मंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी को जून 2018 के पहले पखवाड़े में रिश्वत दिए जाने की बात कही थी। सिन्हा ने सना के हवाले से विधि सचिव सुरेश चंद्रा का भी नाम लिया है। हालांकि, सुरेश चंद्रा ने इन आरोपों को खारिज किया है।

चंद्रा ने सिन्हा के दावे को फर्जी बताया 
सिन्हा ने सतीश बाबू सना के हवाले से विधि सचिव सुरेश चंद्रा का भी नाम लिया है। हालांकि, चंद्रा ने इन आरोपों को खारिज किया है। चंद्रा ने कहा कि पहली बात कि मुझे कैबिनेट सचिव से कोई निर्देश नहीं मिला था। दूसरी बात कि मैं लंदन में नहीं था, जैसा कि सिन्हा ने आरोप लगाया है। और तीसरी बात कि मैं इनमें किसी व्यक्ति को नहीं जानता हूं।

मंत्री बोले, रिश्वत के आरोप झूठे
कोयला एवं खनन राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी ने सिन्हा द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों को निराधार और दुर्भावना से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि न तो मैं सतीश बाबू सना को जानता हूं और न ही उनसे कभी मिला हूं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने मुझे रिश्वत दिया है। मैं इस घटिया प्रयास की निंदा करता हूं। मैं इस सिलसिले में किसी भी जांच का स्वागत करूंगा और दोषी पाया गया, तो राजनीति छोड़ दूंगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.