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सीबाआई में घमासान: सीवीसी ने कहा, कुछ आरोपों पर जांच की जरूरत

सीवीसी ने रिपोर्ट में कुछ पहलुओं पर सराहना और कुछ की निंदा की है। कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट की प्रति याचिकाकर्ता आलोक वर्मा को देने का आदेश दिया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 12:04 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 07:12 AM (IST)
सीबाआई में घमासान: सीवीसी ने कहा, कुछ आरोपों पर जांच की जरूरत
सीबाआई में घमासान: सीवीसी ने कहा, कुछ आरोपों पर जांच की जरूरत

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा को सीवीसी से फिलहाल पूरी तरह क्लीन चिट नहीं मिली है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने वर्मा पर लगे आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जांच रिपोर्ट में कुछ पहलुओं पर आगे जांच की जरूरत बताई है, जिसके लिए और समय चाहिए होगा। सीवीसी ने रिपोर्ट में कुछ पहलुओं पर सराहना और कुछ की निंदा की है। कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट की प्रति याचिकाकर्ता आलोक वर्मा को देने का आदेश दिया और उनसे रिपोर्ट पर सीलबंद लिफाफे में सोमवार दोपहर एक बजे तक जवाब मांगा है। कोर्ट मामले पर मंगलवार को फिर सुनवाई करेगा।

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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने आलोक वर्मा और गैर सरकारी संस्था कॉमनकाज की याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिए। सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा ने उनसे निदेशक पद का कामकाज छीने जाने को चुनौती दी है। कॉमनकाज और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की याचिका में भी वर्मा का कामकाज वापस लेने के सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है।

कोर्ट ने सीवीसी को निर्देश दिया था कि वह सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके पटनायक की निगरानी में कैबिनेट सचिव के नोट में आलोक वर्मा पर लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करके सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल करे। कोर्ट के निर्देश पर सीवीसी ने 12 नवंबर को जांच रिपोर्ट दाखिल की थी।

कुछ आरोपों पर रिपोर्ट बेहद निंदात्मक
शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि सीवीसी ने समग्र जांच रिपोर्ट दाखिल की है। रिपोर्ट चार भागों में विभाजित है। यह कुछ आरोपों पर बेहद सराहनीय, कुछ पर सराहनीय और कुछ आरोपों पर बेहद निंदात्मक है।


एजी-एसी को भी दें रिपोर्ट
कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट की प्रति अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता को भी देने का आदेश दिया।

अस्थाना को रिपोर्ट देने से इन्कार
कोर्ट ने सीबीआइ के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की सीवीसी रिपोर्ट की कॉपी दिए जाने की मांग ठुकरा दी। कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ में भरोसा और संस्था की पवित्रता कायम रखने के लिए रिपोर्ट की गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है।

जस्टिस पटनायक का जताया आभार
कोर्ट मंगलवार को ही सीबीआइ के कार्यकारी निदेशक एम. नागेश्वर राव द्वारा 23 से 26 अक्टूबर के बीच लिए गए फैसलों के मसले पर भी विचार करेगी। राव इस दौरान लिए फैसलों की सूची सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर चुके हैं। सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एके पटनायक ने जांच की निगरानी पर अपना अलग से नोट कोर्ट में दाखिल किया था। कोर्ट ने उनके प्रति आभार प्रकट किया।

पोर्ट ब्लेयर अच्छी जगह, कुछ दिन रहिए
राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहे सीबीआइ अधिकारी एके बस्सी की ओर से पेश वकील ने मामले पर बहस करते हुए कहा कि उनका स्थानांतरण पोर्ट ब्लेयर कर दिया गया है। कोर्ट ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि वह अच्छी जगह है कुछ दिन वहां रहिए।

सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति की मांग
सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा और नंबर दो राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे पर परस्पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए शिकायतें की हैं। सरकार ने सीवीसी की सिफारिश पर आरोपों की जांच होने तक दोनों का कामकाज छीनकर छुट्टी पर भेज दिया है और एम. नागेश्वर राव को अंतरिम तौर पर निदेशक का कामकाज देखने के लिए अधिकृत किया है।

वर्मा ने कामकाज छीनने को चुनौती देते हुए कहा है कि निदेशक का दो वर्ष का तय कार्यकाल होता है। सरकार ऐसे उनसे काम नहीं छीन सकती। सीबीआइ को सरकार की दखलंदाजी से मुक्त करने की मांग भी की है। राकेश अस्थाना ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है।


'आप लेखक हैं और आपने ही नहीं देखी रिपोर्ट..'
सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कुछ हल्के-फुल्के क्षण भी आए, जब सीवीसी की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें भी रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराने की मांग की। इस पर प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, 'आपको (सीवीसी) यह (रिपोर्ट) नहीं मिली? आप ही तो रिपोर्ट के लेखक हैं और आपने ही इसे नहीं देखा?' इस पर तुषार मेहता ने कहा कि वह सीवीसी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वकील के तौर पर उन्होंने रिपोर्ट नहीं देखी है।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए कहा, 'अदालत ने इसे सील कवर में दाखिल करने का आदेश दिया था और मैंने कहा था कि मैं इसे सिर्फ अदालत में ही दाखिल करूंगा।' केंद्र की ओर से पेश एजी केके वेणुगोपाल ने भी रिपोर्ट की प्रति की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने तुषार मेहता से रिपोर्ट के बाबत पूछा था, लेकिन उनका कहना था कि रिपोर्ट तो उन्होंने भी नहीं देखी है। इसके बाद पीठ ने एजी और एसजी को सील कवर में रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराने का आदेश दिया।


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