कावेरी जल विवाद; केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की ड्राफ्ट कावेरी मैनेजमेंट स्कीम
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में ड्राफ्ट कावेरी मैनेजमेंट स्कीम दाखिल कर दी। कोर्ट ने कहा, हम देखेंगे कि यह 16 फरवरी के फैसले के अनुरूप है या नहीं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में ड्राफ्ट कावेरी मैनेजमेंट स्कीम दाखिल कर दी। कोर्ट ने कहा, हम देखेंगे कि यह 16 फरवरी के फैसले के अनुरूप है या नहीं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस एएम खानविलकर व डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने कहा कि कोर्ट ड्राफ्ट स्कीम के सही होने की जांच नहीं करने जा रही।
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम देखेंगे कि यह 16 फरवरी के फैसले के अनुरूप है या नहीं
गौरतलब है कि केंद्र ने काफी हीलाहवाली के बाद ड्राफ्ट स्कीम कोर्ट में जमा कराई है। इससे पहले केंद्र का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई कर्नाटक चुनाव के बाद करे तो बेहतर रहेगा। बीती आठ मई को केंद्र के खिलाफ अवमानना की बात भी कही गई थी। तब बेंच ने साफ शब्दों में कहा था कि जब इस मुद्दे पर फैसला सुनाया जा चुका है तो उसे लागू होना ही चाहिए। वे इस घटनाक्रम से बिलकुल खुश नहीं हैं।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का जवाब था कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों की वजह से केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक नहीं हो पाई है, इसीलिए केंद्र सरकार समय की मांग कर रही है। इस पर तमिलनाडु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे ने कहा था कि अवमानना का यह बिल्कुल सही मामला है। किसी न किसी को तो जेल भेजा ही जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्लूडीटी) के 2007 के फैसले में संशोधन करते हुए साफ कर दिया था कि समय और नहीं बढ़ाया जाएगा।