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रावी नदी पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी

सिंधु नदी के जल बंटवारे को लेकर दोनों देशों के बीच 1960 में सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत तीन पूर्वी नदियों के पानी के इस्तेमाल का पूर्ण अधिकार भारत को दिया गया था।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 08:28 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 08:31 PM (IST)
रावी नदी पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी
रावी नदी पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को पंजाब में रावी नदी पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना को मंजूरी दे दी। इस परियोजना से रावी नदी के भारतीय हिस्से के पानी को पाकिस्तान जाने से रोका जा सकेगा। इसके लिए केंद्रीय सहायता के तौर पर सिंचाई अंशदान के रूप में 2018-19 से 2022-23 तक 485.38 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।

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सिंधु नदी के जल बंटवारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत तीन पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज के पानी के इस्तेमाल का पूर्ण अधिकार भारत को दिया गया था। सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, फिलहाल रावी नदी का कुछ पानी पाकिस्तान में व्यर्थ चला जा रहा है। इस परियोजना के शुरू होने के बाद ऐसे पानी की बर्बादी को कम से कम किया जा सकेगा। पंजाब सरकार ने परियोजना की संशोधित लागत का अनुमान 2,793.54 करोड़ रुपये लगाया है। साथ ही केंद्र सरकार से इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की प्राथमिकता सूची में शामिल करने का अनुरोध किया है।

बता दें कि पंजाब और जम्मू-कश्मीर सरकारों ने सितंबर में शाहपुरकंडी परियोजना पर फिर से काम शुरू करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। 2013 में इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था, लेकिन जम्मू-कश्मीर की ओर से कुछ आपत्तियों के बाद काम रोक दिया गया था।


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