CAA के दुष्प्रचार को लगा जोर का झटका, विदेशी पर्यटकों की बढ़ोत्तरी मोदी सरकार की बड़ी सफलता
चीनी पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। देश के सभी बौद्ध धर्मस्थलों पर जल्द ही चीनी भाषा में लिखे बोर्ड और साइन लगाए जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने सहित नागरिकता कानून को लेकर फैलाए जाने वाले भ्रम का असर भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की आवाजाही पर बिल्कुल भी नहीं पड़ा है। बल्कि इसके उल्टे विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। वर्ष 2018 में जून से दिसंबर के बीच जहां साठ लाख विदेशी पर्यटक भारत आए थे, वहीं 2019 में जून से दिसंबर के बीच 63 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक आए है। विदेशी पर्यटकों से होने वाली आय में भी इस दौरान भारी बढ़ोत्तरी हुई है। जो पिछले साल के मुकाबले करीब 13 फीसद ज्यादा है।
370 हटाने के फैसले के बाद कई देशों ने अपने नागरिकों को भारत न जाने की दी थी सलाह
यह आंकड़े इसलिए भी अहम है, क्योंकि सरकार के जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के फैसले के बाद दुनिया के करीब आधा दर्जन प्रमुख देशों ने एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों को भारत न जाने की सलाह दी थी। जिन देशों ने एडवाइजरी जारी की थी, उनमें सिंगापुर, यूके, जर्मनी, आस्ट्रेलिया और यूएई जैसे देश शामिल है।
पर्यटकों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी मोदी सरकार की बड़ी सफलता
केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पर्यटकों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी को सरकार की बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि कुछ लोग इस बीच देश की खराब छवि बनाने की कोशिश कर कर रहे थे, लेकिन ई-वीजा को सरल करने और इसकी फीस को कम करने जैसे जो कदम उठाए गए थे, उसका परिणाम रहा है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। उन्होंने बताया कि ताज, वाराणसी सहित विदेशी पर्यटकों को सबसे ज्यादा भाने वाले देश के 17 सभी पर्यटक स्थलों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसके लिए करीब पांच हजार करोड़ की योजना तैयार की गई है।
चीनी पर्यटकों को लुभाने की तैयारी
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने बताया कि दुनिया में सबसे ज्यादा पर्यटन चीन के लोग करते है। हर साल करीब 10 से 11 करोड़ चीन के लोग घूमने जाते है, जबकि भारत सिर्फ कुछ लाख ही आते है। ऐसे में अब चीन के पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। देश के सभी बौद्ध धर्मस्थलों पर जल्द ही चीनी भाषा में लिखे बोर्ड और साइन लगाए जाएंगे।