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2024 तक नए लुक में दिखेगी देश की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली, जानिए, कैसे

मौजूदा संसद भवन 90 साल से ज्यादा पुराना हो चुका है। साथ ही इनमें भूकंप और सुरक्षा के दूसरे उतने पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 03:16 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 03:16 AM (IST)
2024 तक नए लुक में दिखेगी देश की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली, जानिए, कैसे
2024 तक नए लुक में दिखेगी देश की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली, जानिए, कैसे

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सब कुछ यदि तय योजना के मुताबिक हुआ तो 2024 तक देश की राष्ट्रीय राजधानी एक नए लुक में दिखेगी। इसमें नए संसद भवन सहित सेंट्रल विस्टा का विस्तार भी शामिल है। जिसका एक छोर यमुना नदी के किनारे तक और दूसरा छोर राष्ट्रपति भवन के पीछे प्रस्तावित एक बायो-डायवर्सिटी पार्क तक होगा। इस पार्क में देशभर के विलुप्त हो रहे सभी पेड़-पौधों को संरक्षित किया जाएगा।

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नए संसद भवन में सांसदों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह मिलेगी

राष्ट्रीय राजधानी के आधुनिकीकरण में जो सबसे खास बात होगी, उसके तहत प्रस्तावित नए संसद भवन में सांसदों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह मिलेगी। मौजूदा समय में प्रत्येक सांसद को बैठने के लिए सिर्फ 40 सेंटीमीटर जगह ही मिलती है। अब उनके लिए 60 सेंटीमीटर जगह होगी। प्रस्तावित लोकसभा को करीब 900 सदस्यों के बैठने की क्षमता के लिहाज से तैयार किया जाएगा।

प्रस्तावित संसद में फिलहाल छह प्रवेश द्वार होंगे

प्रस्तावित संसद में फिलहाल छह प्रवेश द्वार होंगे। मौजूदा संसद में पांच प्रवेश द्वार ही हैं। कुल मिलाकर नई संसद को ऐसी थीम पर तैयार किया जाएगा जहां लोकतंत्र प्रेमियों का सिर श्रद्धा से झुक सके। जैसा धार्मिक श्रद्धा रखने वाले मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारे में श्रद्धा से झुकाते हैं।

उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास भी अब सेंट्रल विस्टा में ही बनेंगे

इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में जो बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, उनमें उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास भी अब सेंट्रल विस्टा में ही बनेंगे। अब तक देश की दोनों ही प्रमुख और अतिसुरक्षित शख्सियतें इस क्षेत्र से दूर हैं जो आम लोगों की आवाजाही वाला क्षेत्र है। इसके तहत प्रधानमंत्री का नया कार्यालय और आवास अब साउथ ब्लाक से नजदीक ही होगा। इसी तरह उपराष्ट्रपति का आवास भी नॉर्थ ब्लाक में सेंट्रल विस्टा के नजदीक होगा।

लुटियन दिल्ली को नया रूप देने का यह काम ऑर्किटेक्ट बिमल पटेल को सौंपा गया

लुटियन दिल्ली को नया रूप देने का यह काम फिलहाल देश के जाने-माने ऑर्किटेक्ट डॉ. बिमल पटेल को सौंपा गया है जो मूलत: गुजरात के हैं। मौजूदा समय में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण कार्य उन्हीं की देखरेख में चल रहा है।

मौजूदा संसद भवन 90 साल से ज्यादा पुराना और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं

मालूम हो कि मौजूदा संसद भवन 90 साल से ज्यादा पुराना हो चुका है। साथ ही इनमें भूकंप और सुरक्षा के दूसरे उतने पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। इस दौरान सेंट्रल विस्टा के आसपास सभी पुरानी बैरेकनुमा भवनों को हटा दिया जाएगा।

राजपथ के दोनों ओर मंत्रालयों के लिए बनेंगे 10 बड़े भवन

सेंट्रल विस्टा के आधुनिकीकरण की इस योजना के तहत राजपथ के दोनों ओर मंत्रालयों के लिए 10 बड़े भवन बनेंगे। इसके साथ ही इनमें एक बड़ा कांफ्रेंस रूम और संग्रहालय भी बनाया जाएगा। इन भवनों के बीच अंडर ग्राउंड कनेक्टिीविटी रहेगी। साथ ही यह सीधे मेट्रो लाइन से भी जुड़े रहेंगे।

हेरिटेज भवनों से नहीं होगी कोई छेड़छाड़

सेंट्रल विस्टा की आधुनिकीकरण योजना के तहत हेरिटेज भवनों की स्थिति पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने साफ किया कि हेरिटेज भवनों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। बल्कि उसे सुसज्जित कर पर्यटकों और आम लोगों के लिए खोला जाएगा।


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