नौसेना के लिए 111 हेलीकॉप्टर के निर्माण के लिए विदेशी साझीदार की तलाश
भारत ने देश में 111 हेलीकॉप्टर के निर्माण के लिए विदेशी साझीदार की तलाश शुरू कर दी है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआइ) जारी किए।
नई दिल्ली, रायटर। भारत ने देश में 111 हेलीकॉप्टर के निर्माण के लिए विदेशी साझीदार की तलाश शुरू कर दी है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआइ) जारी किए। यह सौदा करीब करीब 21,000 करोड़ रुपये (तीन अरब डॉलर) का है।
नौसेना के लिए इन हेलीकॉप्टर का निर्माण होगा, जो उसके बेड़े में शामिल सोवियत संघ निर्मित पुराने हेलीकॉप्टर की जगह लेंगे। लॉकहीड मार्टिन, एयरबस हेलीकॉप्टर और बेल हेलीकॉप्टर उन कुछ कंपनियों में हैं जिनके टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने की उम्मीद है।
चीन के साथ खाई को पाटने की कोशिश में भारत अपनी सेना के आधुनिकीकरण की कोशिशों में जुटा है। लेकिन रक्षा व्यय की धीमी प्रक्रिया के चलते खरीद में देरी हो रही है। रक्षा खरीद के नियमों के तहत उत्पादक कंपनियां ईओआइ के जमा कराने के बाद रक्षा मंत्रालय रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी करेगा, जिसके इस साल के तीसरी तिमाही में जारी होने की उम्मीद है। इसके बाद हेलीकॉप्टर निर्माण के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत की टाटा एडवांस सिस्टम, म¨हद्रा डिफेंस, अडानी डिफेंस, एल एंड एमप टी, भारत फोर्ज और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में शामिल हो सकती हैं। प्रधानमंत्री मोदी के 'मेक इन इंडिया' योजना के तहत ये कंपनियां विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर देश में हेलीकॉप्टर का निर्माण करेंगी।
इससे न सिर्फ मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश की हेलीकॉप्टर निर्माण की क्षमता में भी इजाफा होगा। इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन, कैजुअल्टी इवैकुएशन और लाइट ट्रांसपोर्ट जैसे कार्यो में किया जाएगा।