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छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में अपने हिस्से की सीट मांग रही बसपा

बहुजन समाज पार्टी राज्य में इस बार पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 09:29 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:33 PM (IST)
छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में अपने हिस्से की सीट मांग रही बसपा
छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में अपने हिस्से की सीट मांग रही बसपा

शशिकांत ओझा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक गुणा गणित का खेल प्रारंभ हो चुका है। बनते बिगड़ते समीकरणों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ व मायावती की बहुजन समाज पार्टी के बीच चुनावी गठजोड़ हो चुका है। राज्य की 90 सीटों में जोगी के हिस्से 55 तो मायावती के हिस्से 35 सीट आई हैं। बसपा अपनी 35 सीटों की दावेदारी राज्य के 27 में से महज 11 जिलों में कर रही है। इन 11 जिलों में विधानसभा की कुल 51 सीटें हैं।

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अजीत जोगी के हिस्से में हैं 55, तो मायावती के हिस्से में 35 सीटें

बहुजन समाज पार्टी राज्य में इस बार पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहती है। पार्टी ने संगठन स्तर पर बड़ी मेहनत भी की है, ऐसे में जब अजीत जोगी की पार्टी से चुनावी गठजोड़ हुआ है तो पार्टी इसका भरपूर लाभ उठाना चाहती है। संगठन का कार्य कर रहे वरिष्ठ नेताओं ने राज्य की 11 जिलों का चयन किया है, जहां पार्टी का जनाधार मजबूत माना जाता है। पार्टी अपने कोटे के 35 सीट इन्हीं जिलों में मांग रही है।

इन जिलों की सीटों पर बसपा का दावा

जकांछ के साथ सीट बंटवारे में बसपा अपने कोटे की सीट जहां लेना चाहती है, उनमें जांजगीर, बिलासपुर, कोरबा, बलौदाबाजार, रायगढ़, बेमेतरा, दुर्ग, राजनांदगांव, महासमुंद, बस्तर व सरगुजा शामिल हैं। इन जिलों में विधानसभा की कुल 51 सीटें हैं। पार्टी के नेताओं का दावा है कि पार्टी इन जिलों में अपने सभी 35 उम्मीदवारों को जिताकर सदन में भेज सकती है। नेताओं का यह भी कहना है कि ऐसा नहीं है, इन 11 जिलों से बाहर वे उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। गठबंधन धर्म की मजबूरी हुई तो कुछ सीटों पर परिवर्तन किया जा सकता है, पर प्राथमिकता इन जिलों में ही है।

जोगी के करीबी कांग्रेस नेताओं की सीट भी बसपा के खाते में

जोगी के करीबी माने जाने वाले प्रतिद्वंद्वी पार्टी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शिव डहरिया व रामदयाल उइके, आदिवासी विभाग के अध्यक्ष अमरजीत भगत, आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंडावी सहित अन्य नेताओं की सीट को अजीत जोगी बसपा के खाते में दे सकते हैं। यह भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि इन सीटों पर अजीत जोगी चुनाव नहीं लड़ाना चाहेंगे क्योंकि वहां से कांग्रेस के दावेदार जोगी के काफी करीब माने जाते हैं।


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