सीमा विवाद: असम और मिजोरम के बीच निकलने लगी शांति की राह, अमित शाह ने दोनों मुख्यमंत्रियों से की बात
असम और मिजोरम की सीमा पर तनाव अभी बरकरार है। आवश्यक वस्तुएं ले जा रहे ट्रकों समेत वाहनों की आवाजाही पर छठे दिन भी बंद रही लोगों के आने-जाने पर रोक नहीं है। 26 जुलाई को दोनों राज्यों के बीच हिंसा में असम के छह पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। असम और मिजोरम के बीच शांति की राह निकलने लगी है। दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा से फोन पर बात की। इस दौरान सार्थक बातचीत के जरिये सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का फैसला किया गया। इस बीच, दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव अभी बरकरार है। आवश्यक वस्तुएं ले जा रहे ट्रकों समेत वाहनों की आवाजाही पर छठे दिन भी बंद रही, हालांकि लोगों के आने-जाने पर कोई रोक नहीं है।
26 जुलाई को हिंसा में असम के छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी
26 जुलाई को दोनों राज्यों के बीच हुई हिंसा में असम के छह पुलिसकर्मियों और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी तथा 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
केंद्र सरकार असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद का चाहती है शांतिपूर्ण समाधान
केंद्र के दो शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार असम और मिजोरम के बीच मौजूदा सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहती है तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों मुख्यमंत्रियों के लगातार संपर्क में हैं। एक अधिकारी ने कहा कि दोनों राज्य सरकारें सहयोग कर रही हैं और केंद्र सरकार को विश्वास है कि सीमा पर अब और कोई संघर्ष नहीं होगा।
दोनों सीएम ने जताई समाधान की उम्मीद
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे अब भी केंद्र से असम-मिजोरम तनाव के सौहार्दपूर्ण समाधान की उम्मीद है।' वहीं, असम के मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, 'असम-मिजोरम सीमा पर जो कुछ हुआ, वह दोनों राज्यों के लोगों को अस्वीकार्य है। सीमा विवाद का समाधान केवल चर्चा से हो सकता है।'
सरमा के खिलाफ एफआइआर वापस लेगा मिजोरम
मिजोरम के मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार सरमा के खिलाफ एफआइआर वापस लेने के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि असम के पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे अथवा नहीं। सीमा पर हिंसा के बाद दोनों राज्यों की पुलिस ने एक-दूसरे के नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थीं। मिजोरम की एफआइआर में मुख्यमंत्री सरमा को भी नामित किया गया था। एएनआइ के मुताबिक, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का कहना है कि सीमा विवाद के संबंध में असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना एक सामान्य चीज है।
सरमा बोले, असम पुलिस के समक्ष पेश होने को तैयार
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा है, 'अगर मुझे समन भेजा गया तो मैं जांच में शामिल होने के लिए सिलचर से वैरेंगते तक पदयात्रा करके जाऊंगा। अगर वे मुझे गिरफ्तार भी करते हैं और उससे हालात सामान्य होते हैं तो मैं उसके लिए तैयार हूं। मैं गुवाहाटी हाई कोर्ट से जमानत नहीं लूंगा।' अपने अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर पर सरमा ने कहा, 'मुझे अपने अधिकारियों की रक्षा करनी होगी। असम में हुई घटना के लिए मैं मिजोरम पुलिस को उनकी जांच करने की अनुमति नहीं दे सकता। उन्हें जारी समन को हम स्वीकार नहीं करेंगे।'
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा- मेरे वकील तैयारी कर रहे हैं
विवाद के समाधान के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारे वकील तैयारी कर रहे हैं जो पूरी होने वाली है। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे ताकि सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके। अगर सुप्रीम कोर्ट कहता है कि हम गलत हैं तो हम उसे स्वीकार करेंगे।' दोनों राज्यों द्वारा की जा रही जांच पर सरमा ने कहा, 'असम पुलिस या मिजोरम पुलिस को यह जांच क्यों करनी चाहिए। सीबीआइ या एनआइए को निष्पक्ष तरीके से यह जांच करने दीजिए।'