Assembly Election Results : विश्वसनीयता की जंग में भाजपा ने मारी चौतरफा बाजी, बिहार- यूपी से लेकर मप्र तक परचम
Assembly Election Results 2020 बिहार में भाजपा पहली बार नंबर वन बनकर उभरी तो मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश गुजरातकर्नाटक ही नही तेलंगाना में भी भाजपा ने ही बाजी मारी और कांग्रेस कोसों पीछे छूट गई। चुनाव प्रचार में मोदी के नाम का जिक्र रहा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा और कई दूसरे राज्यों के उपचुनावों की समीक्षा तो लंबी चलती रहेगी लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि विश्वसनीयता के मानक पर फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ भाजपा के मुकाबले फिलहाल कोई टिक नहीं पा रहा है। बिहार में भाजपा पहली बार नंबर वन बनकर उभरी तो मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात,कर्नाटक ही नही तेलंगाना में भी भाजपा ने ही बाजी मारी और कांग्रेस कोसों पीछे छूट गई।
बिहार विधानसभा नतीजों के खास मायने हैं। दरअसल अब तक बैसाखी पर चलती रही भाजपा को यह संकेत मिल गया है कि उसके आगे खुला आसमान है। सहयोगी दलों को भी इसका अहसास हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता दुरुस्त है और चुनाव भले ही राज्य का हो, वोटर उनके चेहरे पर भी वोट करते हैं। ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री ने बिहार में लगभग एक दर्जन रैली की थी। प्रधानमंत्री के साथ साथ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तूफानी रैली की थी और यह भरोसा दिलाया था कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्रित्व में केंद्र सरकार बिहार के विकास को सुनिश्चित करेगी।
यूपी-एमपी उपचुनाव में भाजपा का परचम
लेकिन बात केवल बिहार की नहीं है जहां मुकाबला सुशासन और जंगलराज के बीच चल रहा था। उत्तर प्रदेश में अगले डेढ़ साल में फिर से चुनाव है और ऐसे में सात में से छह सीटें जीतकर भाजपा ने यह जता दिया है कि सत्ताविरोधी लहर से लड़ना उसे आता है। यह जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि जीत का अंतर भी बड़ा रहा। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव था और मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और उससे भी बढ़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख दांव पर थी। कांग्रेस की ओर से सरकार गिराने की घटना का हवाला देकर सहानुभूति लेने की कोशिश हुई लेकिन जनता ने नकार दिया।
गुजरात में काग्रेस अभी भी खड़ी नहीं हो पा रही
गुजरात में काग्रेस अभी भी खड़ी नहीं हो पा रही है। उपचुनाव में भाजपा ने बाजी मारी। तेलंगाना की इकलौती सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार आगे रहा। मजेदार घटना तो कर्नाटक में हुई जहां दो सीटों पर उपचुनाव था जिसमें एक सीट कांग्रेस की थी और दूसरी जदएस की। जातिगत समीकरण के लिहाज से भी दोनों क्षेत्र भाजपा के लिए मुश्किल था। लेकिन मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा के पुत्र और प्रदेश उपाध्यक्ष विजयेंद्र ने उसे भी भाजपा की झोली में डाल दिया। दरअसल, बिहार का मुख्य चुनाव रहा हो या फिर प्रदेशों के उपचुनाव, कोई सीट ऐसी नहीं रही जहां भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र न किया हो। जाहिर तौर पर बाजी मोदी की है।