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VIDEO: सांसद निशिकांत का नहीं छूट रहा विवादों से नाता, सांसद के पैर धोकर कार्यकर्ता ने पिया पानी

झारखंड के गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की वायरल तस्वीर ने मचाया बवाल। भाजपा कार्यकर्ता ने उनके पैर धुले और चरणामृत मानकर उस पानी को पी भी लिया।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 09:53 PM (IST)
VIDEO: सांसद निशिकांत का नहीं छूट रहा विवादों से नाता, सांसद के पैर धोकर कार्यकर्ता ने पिया पानी
VIDEO: सांसद निशिकांत का नहीं छूट रहा विवादों से नाता, सांसद के पैर धोकर कार्यकर्ता ने पिया पानी

जागरण संवाददाता, गोड्डा। स्थानीय सांसद डॉ. निशिकांत दुबे का विवादों से पीछा छूटता नहीं दिख रहा है। रविवार को गोड्डा के कन्हवारा में पुल के शिलान्यास के दौरान पवन कुमार साह नामक पार्टी कार्यकर्ता द्वारा उनका पैर धोकर पानी पीने के बाद विरोधियों के निशाने पर आए सांसद ने अपने बचाव में सोमवार को पवन कुमार साह को पत्रकारों के सामने लाया।

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सांसद डॉ. निशिकांत दुबे व भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश झा की मौजूदगी में स्थानीय सर्किट हाउस में पवन कुमार साह ने कहा कि वह पाकेट में चाकू रखे हुए था। अगर सांसद पैर धुलवाने को राजी नहीं होते तो वह चाकू मारकर आत्महत्या कर लेता। वह पहले भी चाकू से अंगुली चीरकर तिलक लगा चुका है। सांसद इस बात को जानते थे। इसलिए वे पैर धुलवाने को राजी हुए। उसने कहा कि इस विवाद में सांसद को घसीटने वालों पर वह मुकदमा दर्ज कराएंगे।

पवन ने कहा कि वह विगत करीब दस वर्षों से डॉ. निशिकांत दुबे से जुड़ा हुआ है। वह पुराना भाजपाई है। बच्चों को स्कूल व बड़ों को गोड्डा शहर जाने में परेशानी होती थी। इसको देखते हुए मैंने करीब दस वर्ष पूर्व सांसद को नदी पर पुल निर्माण कराने का अनुरोध किया था। उसी दिन संकल्प लिया था कि पुल का शिलान्यास होने पर सांसद का पैर धोकर उसे पीयूंगा। मैंने अपना संकल्प पूरा किया।

लोगों ने किया चाकू की बात से इन्कार

कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने पवन कुमार साह के पास चाकू होने या इस तरह की बात होने से इन्कार किया है। नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू मंडल का कहना है कि पैर नहीं धुलवाने पर आत्महत्या करने जैसी कोई बात उसने नहीं सुनी। हालांकि उनका कहना है कि सांसद पैर नहीं धुलवाना चाहते थे। पवन ने जबरन पैर धोया। कन्हवारा के मुखिया परमानंद साह, गांव के छेदी कुमार साह व नित्यानंद साह ने कहा कि पवन के पास चाकू होने की बात गलत है। दूसरी ओर पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव का कहना है कि अगर उसने चाकू मारकर आत्महत्या की बात कही तो सांसद को इस बात की जानकारी तुरंत पुलिस को देनी चाहिए थी। ऐसा करना कानूनी रूप से गलत है।

विधायक कहते हैं कि सांसद ने अपनी लोकप्रियता साबित करने के लिए उक्त कार्यकर्ता को जबरन पैर धोकर पानी पीने के लिए बाध्य किया। सांसद के चेहरे पर फैली मुस्कान इसकी गवाही है। उधर, एसपी राजीव रंजन सिंह ने भी माना कि आत्महत्या की बात कह कर सांसद को पैर धुलवाने के लिए बाध्य करना गलत है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस प्रकार की कोई शिकायत अब तक प्राप्त नहीं हुई है। अगर शिकायत आती है तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

करीबी दिखाने के लिए किया ऐसा

गांव के लोगों की मानें तो वहां के मुखिया परमानंद साह, कृष्ण कन्हैया आदि भाजपा से जुड़े हुए हैं। सांसद से इन दोनों की नजदीकी है। ऐसे में उनदोनों से आगे निकलने की होड़ में पवन ने सांसद का पैर धोकर पानी को पी लिया। पवन की राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी है। वह दो बार मुखिया का चुनाव लड़ चुका है। एक बार 100 तो दूसरी बार करीब 150 मत मिले। ऐसे में उसे लगा कि सांसद का करीबी होने का लाभ उसे मिलेगा।

दूसरी ओर नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र कुमार की मानें तो पवन थोड़ा जिद्दी है। करीब 20 साल पूर्व वह उनके एवं झामुमो के पूर्व अध्यक्ष राजेश मंडल के साथ बैठता था। एक दिन बात-बात में पवन ने राजेश मंडल को कहा कि वह उसके लिए कुछ भी कर सकता है। राजेश मंडल ने बगल में बह रही गंदी नाली की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसमें कूद जाओ। पवन तुरंत उसमें कूद गया। नाली में फेंके गए शीशे से उसका पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसी प्रकार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे स्व. मनोहर टेकरीवाल को अपने कंधे पर बिठाकर पूरे गांव में घूम गया था।

पैर धोकर पानी पीने से गांव वालों में खुशी

सांसद डॉ. निशिकांत दुबे का पैर धोकर उक्त पानी पीने से गांव वालों में खुशी है। लोगों का कहना है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है। इससे पवन के साथ-साथ पूरा गांव राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि पवन को चाकू वाला बयान नहीं देना चाहिए। गांव वालों को आशंका है कि इस तरह की स्वीकारोक्ति से वह कानूनी पचड़े में फंस सकता है।

झारखंड के गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को कलाली कन्हवारा पुल का शिलान्यास किया। शिलान्यास कार्यक्रम में जब सांसद पहुंचे तो पार्टी कार्यकर्ता पवन साह ने उनका न सिर्फ सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में पैर धोकर स्वागत किया, बल्कि चरणामृत मानकर उस पानी को पी भी लिया। सांसद ने इस तस्वीर को अपने फेसबुक पेज पर शेयर करते हुए कार्यकर्ता की महानता की तारीफ कर दी। हालांकि जब इस तस्वीर पर लोगों की टिप्पणियां आनी शुरू हुईं, तो उन्होंने पैर धोने की आदिवासियों की पुरानी परंपरा कह अपना बचाव किया।

सांसद की तस्वीर पर मचा बवाल
पवन साह की यह तस्वीर जब वायरल हुई तो बवाल मच गया। कई भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि पवन कार्यक्रम के दौरान पैर धोने की जिद करने लगा। सांसद ने उसे मना किया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। इसके बाद सांसद अपनी कुर्सी से उठे। पवन साह ने उनका पैर धोया और मंच पर ही उसे पी गया। इसके बाद सांसद ने इस फोटो को अपने फेसबुक पेज पर भी अपलोड कर दिया।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे बोले, पैर नहीं धुलवाने पर वह स्वयं को चाकू मार लेता
इस बीच, सोमवार को गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने सफाई देते हुए कहा कि जिस पवन कुमार साह नामक कार्यकर्ता ने उनका पैर धोया, उसके हाथ में चाकू था। पैर नहीं धुलवाने पर वह स्वयं को चाकू मार लेने की बात कर रहा था। मजबूरी में उन्हें पैर धोने देना पड़ा। कहा कि वह एक बार अपने खून से वह अभिषेक कर चुका है। वह काफी जिद्दी प्रवृति का है। रामजन्म भूमि आंदोलन के दौरान जेल भी जा चुका है।

विधायक प्रदीप यादव बोले, ऐसे सांसद को पार्टी से निकाल देना चाहिए
उधर, पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा को ऐसे सांसद को पार्टी से निकाल देना चाहिए। अगर उन्हें पार्टी से नहीं निकाला जाता है तो पार्टी पर मनुवादी होने का बार बार लग रहा आरोप और गहराएगा। कहा कि सांसद को इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

पवन साह ने कहा, मैंने पैरों को धोया तो क्या अपराध किया
इस बीच, भाजपा कार्यकर्ता पवन शाह ने कहा कि इस मसले पर राजनीतिक ना हो, अगर मैंने पैरों को धोया और पानी पी लिया तो मैंने क्या अपराध किया? यह मेरी भावना थी। वह मेरे बड़े भाई की तरह हैं। 

सफाई में बोले सांसद
सोशल मीडिया पर पोस्ट की ये तस्वीर तेजी से वायरल होने लगी। लोगों की टिप्पणियां भी आने लगीं। कुछ लोगों ने इसे सांसद की लोकप्रियता की पराकाष्ठा बता दिया तो कुछ ने इसे सामंतवादी परंपरा करार दिया। विवाद बढ़ते देख सांसद ने फेसबुक पोस्ट को संशोधित किया। उसमें कहा कि झारखंड में आदिवासियों के बीच पैर धोने की पुरानी परंपरा है। कुछ लोग बेवजह इस मामले को तूल दे रहे हैं। दूसरी ओर, झारखंड विकास मोर्चा के महासचिव व पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव ने इसे सामंती व्यवस्था का प्रतीक बताया है।


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