Rajya Sabha Polls: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कलह की चिंगारी को भाजपा फिर देगी हवा
मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि भाजपा अपना अंतर्कलह छिपाने के लिए अफवाह फैला रही है।
भोपाल, आनन्द राय। भाजपा के चक्रव्यूह में फंसकर मध्य प्रदेश में अपनी सरकार गंवाने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस सबक लेने को तैयार नहीं है। उसकी अंदरूनी कलह फिर से सतह पर आने को बेकरार है। इस पर भाजपा की नजर भी टिक गई है। 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा फिर से कलह की चिंगारी को हवा देने की तैयारी कर रही है। उसका असली मकसद कांग्रेस खेमे में सेंध लगाकर विद्रोही तेवर वाले विधायकों के वोट हासिल करना है। यद्यपि भाजपा के पास राज्यसभा की अपनी दोनों रिक्त सीटें जीतने के लिए पर्याप्त वोट हैं परंतु वह कांग्रेसी किले में सेंध लगाकर उसकी कमजोरी दर्शाने के लिए कसरत कर रही है।
शिवराज सिंह ने गृह मंत्री नरोत्त्तम के घर जाकर की रणनीतिक गुफ्तगू
शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने गृह व स्वास्थ्य मंत्री नरोत्त्तम मिश्र केआवास पर खुद पहुंचकर राज्यसभा चुनाव के सिलसिले में रणनीतिक गुफ्तगू की। कांग्रेस सरकार गिराने में नरोत्त्तम की अहम भूमिका रही है। मप्र की तीन राज्यसभा सीटों के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया कांग्रेस से जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी भाजपा के उम्मीदवार हैं।
दिग्विजय की राह में कांटे
चुनाव की नई तारीख घोषित होने के बाद ही दिग्विजय के भाई और चाचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह ने मजदूरों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खुद को कठघरे में खड़ा करते हुए जिस सावधानी से दिग्विजय पर निशाना साधा, उसके निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं। यूं तो लक्ष्मण ने सिंधिया को भी नहीं बख्शा, लेकिन इसे दांव-पेच के तौर पर देखा जा रहा है। लक्ष्मण 20 मई को यह भी ट्वीट कर चुके हैं कि सर्वहारा वर्ग की पार्टी रही कांग्रेस में पिछ़़डा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के साथियों की भागीदारी बढ़ानी पड़ेगी।
कांग्रेस का एक धड़ा बरैया को प्रथम वरीयता के उम्मीदवार के रूप में आगे करने में जुटा
ध्यान रहे कि फूल सिंह बरैया अनुसूचित समाज के हैं और कांग्रेस का एक धड़ा उन्हें ही प्रथम वरीयता के उम्मीदवार के रूप में आगे करने की मुहिम में जुटा है। जाहिर है कि दिग्विजय केलिए उनके भाई भी प्रकारांतर से कांटे बिछा रहे हैं।
कांग्रेसियों के आपसी मतभेद से ही प्रशांत किशोर ने कमान संभालने से किया इन्कार
मप्र विधानसभा की 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी समन्वय नहीं बन पा रहा है। पूर्व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने दावा किया था कि प्रशांत किशोर उप चुनाव में कांग्रेस की रणनीति बनाएंगे, लेकिन एक हफ्ते के भीतर ही उनकी बात खारिज कर दी गई। कांग्रेसियों के आपसी मतभेद से ही प्रशांत किशोर ने कमान संभालने से इन्कार कर दिया। अब अंदरखाने भाजपा के रणनीतिकार कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों से संपर्क साध रहे हैं।
भाजपा में आना चाहते हैं कांग्रेस के अपमानित विधायक : विजयवर्गीय
उधर, मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि कांग्रेस केकई और विधायक जो कमल नाथ और दिग्विजय सिंह से अपमानित हो रहे हैं, वह संपर्क में हैं और भाजपा में आना चाहते हैं। रसातल में जा रही कांग्रेस की स्थिति से विचलित कांग्रेसी ब़़डी संख्या में जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे।
शिवराज मत्रिमंडल में वरिष्ठों की उपेक्षा का दिखेगा असर : कांग्रेस
दूसरी ओर, मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि भाजपा अपना अंतर्कलह छिपाने के लिए अफवाह फैला रही है। मंत्रिमंडल विस्तार में वरिष्ठों की उपेक्षा को लेकर आक्रोश है और उसका असर राज्यसभा चुनाव में दिखना तय है। भाजपा अपनी करनी का खामियाजा भुगतेगी।