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कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने फूंके 122 करोड़ रुपये, पार्टी ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट

वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सभी राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में 20 हजार और उससे ज्यादा रकम के रूप में कुल 469.89 करोड़ रुपये मिले।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 12:33 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 12:33 AM (IST)
कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने फूंके 122 करोड़ रुपये, पार्टी ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट
कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने फूंके 122 करोड़ रुपये, पार्टी ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। कर्नाटक विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने कुल 122 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें से अकेले 84 करोड़ रुपये टीवी और प्रिंट मीडिया में विज्ञापन और अन्य माध्यमों से पार्टी के प्रचार पर खर्च किए गए।

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भाजपा ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए 14 करोड़ रुपये खर्च किए। हाल में संपन्न हुए चार राज्यों में चुनावी खर्च पर पार्टी ने चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कर्नाटक में पिछले साल मई में विधानसभा चुनाव हुए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक विज्ञापन के बाद भाजपा ने सबसे ज्यादा 16 करोड़ रुपये पार्टी के स्टार प्रचारकों की यात्रा पर खर्च किए। पार्टी ने कहा है कि मेघालय में 3.8 करोड़, त्रिपुरा में 6.96 करोड़ और नागालैंड में 3.36 करोड़ रुपये खर्च हुए।

दूसरे दलों से भाजपा को 12 गुना ज्यादा मिला चुनावी चंदा

भारतीय जनता पार्टी को पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा 437 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा मिला। यह रकम कांग्रेस समेत सभी राष्ट्रीय दलों को मिले कुल चंदे से 12 गुना ज्यादा है। एक चुनावी थिंक टैंक ने यह जानकारी दी है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के मुताबिक भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को सबसे ज्यादा प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट की तरफ से प्राप्त हुआ। यह ट्रस्ट कुछ बड़े कॉरपोरेट घरानों द्वारा समर्थित है। ट्रस्ट की तरफ से भाजपा को 154.30 करोड़ और कांग्रेस को 10 करोड़ रुपये मिले।

वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सभी राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में 20 हजार और उससे ज्यादा रकम के रूप में कुल 469.89 करोड़ रुपये मिले। इसमें से भाजपा को सबसे ज्यादा 437.04 करोड़ और कांग्रेस को 26.65 करोड़ रुपये मिले। भाजपा द्वारा घोषित चंदा कांग्रेस,राकांपा, भाकपा, माकपा और तृणमूल कांग्रेस को मिले कुल चंदे से 12 गुना ज्यादा है।

एडीआर के मुताबिक सियासी दलों को मिले चंदे में 90 फीसदी औद्योगिक घरानों से प्राप्त हुए। जबकि 10 फीसदी चंदा लोगों की तरफ से मिले। 2017-18 में औद्योगिक घरानों ने भाजपा को 400.23 करोड़ रुपये चंदा दिए, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 19.29 करोड़ रुपये।

बसपा ने कहा कि इस अवधि के दौरान उसे 20 हजार रुपये से ज्यादा की मुश्त धनराशि चंदे के रूप में नहीं मिली। बसपा पिछले 12 सालों से ऐसा ही करते आ रही है। सियासी दलों को सबसे ज्यादा दिल्ली से 208.56 करोड़, महाराष्ट्र से 71.93 करोड़ और गुजरात से 44.02 करोड़ रुपये मिले।


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