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केरल : विजयन सरकार को बचाने की कोशिश कर रहा विपक्ष, सीएम व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बीच वाकयुद्ध पर बोली भाजपा

भाजपा ने आरोप लगाया है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केरल कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन के बीच वाकयुद्ध और कुछ नहीं बल्कि लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। मुख्यमंत्री कई मुद्दों पर बैकफुट पर हैं और विपक्ष इन आरोपों से बचाने की कोशिश कर रहा है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 12:04 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 12:04 PM (IST)
केरल : विजयन सरकार को बचाने की कोशिश कर रहा विपक्ष, सीएम व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बीच वाकयुद्ध पर बोली भाजपा
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ।

तिरुवनंतपुरम,एएनआइ। भाजपा ने आरोप लगाया है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केरल कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन के बीच वाकयुद्ध और कुछ नहीं बल्कि लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने आगे आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कई मुद्दों पर बैकफुट पर हैं और विपक्ष राज्य सरकार को इन आरोपों से बचाने की कोशिश कर रहा है।

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मुरलीधरन ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि केरल के मुख्यमंत्री और केरल में कांग्रेस के अध्यक्ष ने शुक्रवार और शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे अपराधी और गुंडे हैं। दरअसल केरल को एक ऐसा राज्य माना जाता है जो राजनीतिक समझ, शिक्षा और जीवन स्तर के मामले में कई अन्य राज्यों से काफी आगे है। तो, मुख्यमंत्री और केरल के मुख्य विपक्षी दल के अध्यक्ष द्वारा इस तरह के बयान से राज्य की छवि को नुकसान होगा।

विपक्ष सरकार को इन आरोपों से बचाने की कोशिश कर रहा

मुरलीधरन ने यह भी कहा कि दरअसल, यह वह समय है जब सरकार कोरोना, बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई और आर्थिक मोर्चे पर बैकफुट पर है। आम आदमी का ध्यान भटकाने के लिए विपक्ष सरकार को इन आरोपों से बचाने की कोशिश कर रहा है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि उनकी पार्टी बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई के मुद्दे को जनता के सामने लाने की पूरी कोशिश करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य सरकार इसका जवाब दे।

तत्कालीन राजस्व और वन मंत्री की भूमिका संदिग्ध

मुरलीधरन ने विजयन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्पष्ट है कि यह भ्रष्टाचार और माफिया का समर्थन करने का काम किया जा रहा है। तत्कालीन राजस्व और वन मंत्री की भूमिका संदिग्ध है। उन्हें स्पष्टीकरण के साथ सामने आना चाहिए और बताना चाहिए कि बड़े पैमाने पर पेड़ काटने की अनुमति देने जैसा निर्णय उन्होंने क्यों लिया। हम सरकार को जवाब देने के लिए दबाव डालेंगे और कोशिश करेंगे कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर देश के कानून के तहत केस दर्ज हो।


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