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सोशल मीडिया पर भी उड़ा राफेल: राहुल गांधी के नौ झूठ पर भाजपा ने दागी नौ मिसाइलें

आइए जानते हैं कि भाजपा ने अपने ट्विटर पर क्‍या कहा। पार्टी ने राहुल गांधी के नौ कथित झूठ का सिलसिलेवार आखिर क्‍या जवाब दिया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 01:30 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 03:06 PM (IST)
सोशल मीडिया पर भी उड़ा राफेल: राहुल गांधी के नौ झूठ पर भाजपा ने दागी नौ मिसाइलें
सोशल मीडिया पर भी उड़ा राफेल: राहुल गांधी के नौ झूठ पर भाजपा ने दागी नौ मिसाइलें

नई दिल्‍ली [ जागरण स्‍पेशल ]। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर मची रार अब और तेज हो चुकी है। शुक्रवार को जब एक संवाददाता सम्‍मेलन में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा तो भारतीय जनता पार्टी ने भी मोर्चा संभाल लिया। संवाददाता सम्‍मेलन से शुरू हुई ये जंग अब सोशल मीडिया तक पहुंच चुकी है। भाजपा ने राहुल गांधी के एक-एक आरोप का जबाव अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दिया है। आइए जानते हैं कि भाजपा ने अपने ट्विटर पर क्‍या कहा। पार्टी ने  राहुल गांधी के नौ कथित झूठ का सिलसिलेवार आखिर क्‍या जवाब दिया है। 

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भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है राहुल गांधी झूठे हैं। पार्टी ने कहा है कि यदि 'दि हिंदू' की खबर पर राहुल को इतना य‍कीन था तो उन्‍होंने उसे प्रमाण बनाकर शीर्ष अदालत का दरवाजा क्‍यों नहीं खटखटाया। दरअसल, शुक्रवार को द हिंदू अखबार में छपी एक खबर में सरकारी दस्तावेज के जरिए ये दावा किया कि रक्षा मंत्रालय के अफसरों ने राफेल सौदे मामले पर पीएमओ द्वारा समानांतर बातचीत पर ऐतराज जताया था। राहुल ने इस खबर के हवाले से ही प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए थेेे। भाजपा ने राहुल को चुनौती देते हुए कहा है कि वह इस नए तथ्‍य के साथ सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएं। भाजपा ने राहुल के एक-एक करके नौ झूठ गिनाए हैं, जो इस प्रकार से  हैं।

We have tried to document most of Rahul Gandhi’s #RafaleLies. But given his superhuman capabilities of lying, we realized it's humanly impossible to document it all.

We hence invite you to tweet with #LiarRahul and further this cause of exposing the pathological liar!

— BJP (@BJP4India) February 9, 2019

राहुल के नौ झूठ और भाजपा के नौ तथ्‍य 
नंबर 1: राहुल ने फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट को ट्विस्ट करते हुए यह बताने का प्रयास किया कि दसॉल्ट को भारत से डील करने के लिए अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बनाना पड़ा। तथ्य: सुप्रीम कोर्ट और दसॉल्ट के सीईओ ने कहा है कि ऑफसेट पार्टनर के चयन में भारत सरकार का कोई हाथ नहीं था।

नंबर 2: राहुल ने यह भ्रांति फैलाने का प्रयास किया की कि देश की शीर्ष अदालत ने इस सौदे में गंभीर खामियां  पाईं हैं। इसलिए उन्होंने विचाराधीन मामले में प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की। तथ्य: कोर्ट ने कांग्रेस की शह पर अपील करने वाली सभी याचिकाएं खारिज किया। कोर्ट ने केंद्र सरकार ने इसमें कुछ भी गलत नहीं किया। 

नंबर 3: कांग्रेस अध्‍यक्ष ने दावा किया कि रक्षा मंत्रालय के एक बड़े अफसरों को राफेल डील के विरोध में डिसेंट नोट प्रस्तुत करने के लिए मोदी सरकार ने सजा दी। तथ्य: राहुल का यह झूठ बेनकाब हो गया जब अधिकारी ने खुद मीडिया से बातचीत में किसी भी तरह की सजा से इनकार किया। 

नंबर 4: राहुल ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने प्रधानमंत्री मोदी को चोर कहा और भारत सरकार ने उनसे रिलायंस को शामिल करने के लिए कहा। तथ्य: फ्रांस सरकार ने अपने आधिकारिक बयान इन आरोपों को खारिज किया। 

नंबर 5: राहुल ने संसद में भी झूठ बोले और कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने उनसे स्वयं कहा कि इसमें कोई गोपनीय धारा नहीं है। तथ्य: फ्रांस सरकार ने उनके झूठ को खारिज करते हुए बयान जारी किया और कहा कि समझौता पार्टियों को क्लासिफाइड जानकारी साझा करने की इजाजत नहीं देता। 

नंबर 6: राहुल ने यूपीए के दौरान इस डील की कई कीमतें गिनाईं, जैसे - संसद में उन्होंने कहा 520 करोड़ -कर्नाटक में कहा 526 करोड़ -राजस्थान में कहा 540 करोड़ -दिल्ली में कहा 700 करोड़। तथ्‍य: असत्‍य बोलने के लिए राहुल नोबेल के हकदार हैं। 

नंबर 7: राहुल ने कहा कि मोदी की सरकार ने सैन्य अधिग्रहण के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन हुआ। तथ्य: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- हम इस बात से सहमत हैं कि इस प्रक्रिया पर वास्तव में संदेह करने का कोई अवसर नहीं है। 

नंबर 8: राहुल ने कहा कि यूपीए ने 526/520/540 रुपये में डील की जबकि एनडीए ने यह डील 1600 करोड़ रुपये में की। तथ्‍य: वे सेब की तुलना संतरे से कर रहे हैं। एनडीए द्वारा बातचीत के जरिए तय की गई कीमत पूरे परिचालन पैकेज के साथ राफेल विमान की है।

नंबर 9: राहुल ने कहा कि 36 विमान खरीदने का निर्णय वायुसेना को नुकसान पहुंचाने और दोस्त को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया। तथ्य: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह निर्णय सैन्य तैयारियों को ध्यान रखते हुए लिया गया और वायुसेना खुश है।


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