Move to Jagran APP

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ करार पर भाजपा का कांग्रेस पर करारा वार, कहा- सुप्रीम कोर्ट भी हैरान

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ करार के मामले में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर करारा हमला बोला है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 05:14 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 04:50 AM (IST)
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ करार पर भाजपा का कांग्रेस पर करारा वार, कहा- सुप्रीम कोर्ट भी हैरान
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ करार पर भाजपा का कांग्रेस पर करारा वार, कहा- सुप्रीम कोर्ट भी हैरान

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP president JP Nadda) ने शुक्रवार को एक पीआइएल पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर करारा हमला बोला। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा कि साल 2008 में कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of China) के बीच साइन हुए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर सुप्रीम कोर्ट तक हैरान है। कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और उनके बेटे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।

loksabha election banner

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने ट्वीट किया, 'सुप्रीम कोर्ट भी कांग्रेस पार्टी और चीनी सरकार के बीच हुए समझौते से हैरान है। इस एमओयू पर दस्तखत करने वाली श्रीमती सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को सफाई देनी चाहिए। क्या इस समझौते की वजह से राजीव गांधी फाउंडेशन को डोनेशन मिला और बदले में चीन के लिए भारतीय बाजार को खोल दिया गया, जिससे भारतीय कारोबार प्रभावित हुआ..?'

इसके बाद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने BJP अध्यक्ष के ट्वीट पर कहा कि साल 2008 में सोनिया और राहुल गांधी ने बीजिंग में जाकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक MoU पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अनुसार, सभी क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों में आदान-प्रदान किए जाएंगे। आज खुद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एक टिप्पणी करते हुए कहा है कि ये जानकर आश्चर्य हो रहा है कि क्या कोई पॉलिटिकल पार्टी किसी दूसरे देश के साथ कोई करार या MoU कर सकती है। 

उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस और चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच साल 2008 में हुए कथित समझौते की एनआईए से जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) ने दलील दी कि यह इस देश की एक पार्टी का दूसरे देश की पार्टी के साथ करार है जो बेहद गंभीर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उक्‍त समझौते पर हैरानी जताई और कहा कि हमने अपने सीमित अनुभव में ऐसा कभी नहीं सुना कि किसी राजनीतिक पार्टी ने किसी दूसरे देश के साथ समझौता किया हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.