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Parliament Session: भाजपा ने सांसदों का निलंबन सराहा, तो कांग्रेस ने कहा- तानाशाही

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सांसदों का बेलगाम बर्ताव बेहद दुखद और देश के निर्माताओं को स्तब्ध करने वाला है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 01:43 AM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 01:44 AM (IST)
Parliament Session: भाजपा ने सांसदों का निलंबन सराहा, तो कांग्रेस ने कहा- तानाशाही

नई दिल्ली, प्रेट्र। लोकसभा में कुछ कांग्रेस सदस्यों के आचरण को अशोभनीय बताते हुए भाजपा ने सात कांग्रेस सांसदों के निलंबन का स्वागत किया है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने लोकसभा से अपने सात सांसदों के निलंबन पर क्षोभ जताते हुए इसे तानाशाही भरा निर्णय करार दिया है।

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कागज खींचकर फाड़ना अध्यक्ष पद का अपमान

संसदीय मामलों के मंत्री और भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष से यह अपील की है कि वह एक समिति गठित करके कांग्रेस सदस्यों की लगातार जारी अनुशासनहीनता के मामले को देखें। उन्होंने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष की मेज से कागज खींचकर फाड़ना अध्यक्ष पद का सबसे बड़ा अपमान है। हम इसकी निंदा करते हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सांसदों का बेलगाम बर्ताव बेहद दुखद और देश के निर्माताओं को स्तब्ध करने वाला है।

दिल्ली दंगे पर चर्चा करने से डरती है सरकार: अंधीर रंजन चौधरी

दूसरी ओर, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी के सात सांसदों के निलंबन पर खेद जताते हुए कहा कि यह सरकार का निर्णय था। यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष ने नहीं लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वह सदन में बदले की भावना देख रहे हैं। सांसदों को सत्र से बाहर रखने का फैसला स्पीकर नहीं बल्कि चेयरपर्सन ने दिया है। इसका मकसद यही है कि हम दिल्ली दंगे पर चर्चा में कमजोर पड़ जाएं। सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने में डरती है। अब यह लोग तय करेंगे कि सात सदस्यों का निलंबन सही है या गलत।

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य पी.चिदंबरम ने कहा कि सांसद कई दफा उकसाए जाने पर अपना धैर्य खो देते हैं। ऐसे में सदन को उकसावे और प्रतिक्रिया दोनों पर ही विचार करना चाहिए।


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