भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मिली राहत
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अक्टूबर 2018 में नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग के संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। भोपाल के एमपी नगर थाना पुलिस ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना ।
नईदुनिया, जबलपुर। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जेपी गुप्ता की एकलपीठ ने उनके खिलाफ भोपाल की सीजेएम कोर्ट में दर्ज आपराधिक प्रकरण पर किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
दरअसल, संबित पात्रा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अक्टूबर 2018 में नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग के संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। भोपाल के एमपी नगर थाना पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेकर इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना। संबित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई।
पुलिस ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा-188 के अंतर्गत भोपाल के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में चालान पेश कर दिया। कोर्ट ने संबित पात्रा की हाजिरी के लिए उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। संबित पात्रा ने एफआइआर और कोर्ट की प्रक्रिया को हाई कोर्ट में चुनौती दी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पुरषेंद्र कौरव व नम्रता अग्रवाल ने दलील दी कि पुलिस को इस मामले में संज्ञान लेने और एफआइआर दर्ज करने का अधिकार नहीं है। भारतीय दंड विधन संहिता की धारा-188 के अंतर्गत केवल वही अधिकारी कोर्ट में शिकायत दर्ज करा सकता है, जिसके आदेश का उल्लंघन हुआ है। लिहाजा, इस मामले में निर्वाचन अधिकारी को अधिकार था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद निचली अदालत में लंबित समस्त प्रक्रिया पर रोक लगा दी।