Bengal Politics: अर्जुन सिंह की राह पर नहीं चलेंगे सौमित्र खान, टीएमसी में शामिल होने की अटकलों का किया खंडन
भाजपा सांसद सौमित्र खान ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने की अटकलों का खंडन किया है। कई दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही थी कि अर्जुन सिंह की तरह सौमित्र भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
कोलकाता, एएनआइ। पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह के तृणमूल कांग्रेस में वापसी के कुछ दिनों बाद, भाजपा सांसद सौमित्र खान ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने की अटकलों का खंडन किया है। कई दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही थी कि अर्जुन सिंह की तरह सौमित्र भी पार्टी छोड़ सकते हैं। भाजपा सांसद ने आज खबरों का खंडन करते हुए तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की। खान ने कहा कि वह टीएमसी में शामिल होने के बारे में तभी सोचेंगे जब ममता बनर्जी और महासचिव अभिषेक बनर्जी टीएमसी छोड़ दें क्योंकि सरकार ने रोहिंग्याओं को शरण दे रखी है।
रोहिंग्याओं को शरण देती है टीएमसी
खान ने आगे हमला करते हुए कहा, "टीएमसी में रोहिंग्याओं को राज्य में लाने की संस्कृति है। इस तरह वे सरकार में खुद को बनाए रखते हैं। अनुपम हाजरा और मैं टीएमसी छोड़ने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि जिस क्षण ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी टीएमसी से चले जाएंगे, तब मैं सोचूंगा कि क्या करना चाहिए।"
बीजेपी छोड़ टीएमसी में शामिल हुए अर्जुन सिंह
बता दें कि हाल ही में 22 मई को बीजेपी के लोकसभा सांसद अर्जुन सिंह पार्टी से इस्तीफा दे टीएमसी में शामिल हुए हैं। बीजेपी छोड़ने के बाद अर्जुन ने कहा था कि उनके साथ कई और नेता टीएमसी का दामन जल्द थाम सकते हैं। उन्होंने खासतौर पर सौमित्र खान का नाम लेकर कहा था कि वह बड़े भाई हैं और उनके बारे में वह अभी कुछ नहीं बताएंगे। गौरतलब है कि सिंह 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले में भाजपा में शामिल हुए थे और बैरकपुर लोकसभा से जीत हासिल की थी।
तृणमूल में शामिल होते ही बीजेपी पर साधा था निशाना
तृणमूल में शामिल होते ही सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधा था। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि वे बहकावे में आकर भाजपा में आ गए थे, लेकिन अब अपने घर में लौट आए हैं। उन्होंने बंगाल के भाजपा नेतृत्व की भी इसके साथ आलोचना की, और कहा कि एसी घर में बैठकर राजनीति नहीं हो सकती है। उन्होंने तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि आगामी दिनों में वह देश की राजनीति का नेतृत्व करेंगी।