एमपी में आठवीं बार चुने गए भाजपा विधायक गोपाल भार्गव बने नेता प्रतिपक्ष
मध्य प्रदेश में रहली से आठवीं बार विधायक बने पंडित गोपाल भार्गव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे।
भोपाल, स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश में रहली से आठवीं बार विधायक बने पंडित गोपाल भार्गव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक में भार्गव को नेता चुना गया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोपाल भार्गव को विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा, जिसका पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने समर्थन किया। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भार्गव को निर्विरोध रूप से भाजपा विधायक दल का नेता निर्वाचित किए जाने का एलान किया।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे को भाजपा हाईकमान ने नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था। बैठक में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत भी मौजूद थे।
आखिरी दौर में नरोत्तम बाहर
भाजपा सूत्रों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष पद के प्रबल दावेदार नरोत्तम मिश्रा आखिरी दौर में दौड़ से बाहर हो गए। रविवार तक मिश्रा का नाम फाइनल माना जा रहा था। पार्टी नेताओं की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरोध के चलते भार्गव के नाम पर सहमति बनी। चौहान, भूपेंद्र सिंह या राजेंद्र शुक्ल को नेता प्रतिपक्ष बनवाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने आखिरी दौर में भार्गव के नाम पर सहमति दे दी। पार्टी में इसे शिवराज की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।
सवर्णों के पक्ष में फैसला
एट्रोसिटी एक्ट की मार से तीन राज्यों में सरकार गवाने के बाद भाजपा को सवर्ण वर्ग की याद आई है। माना जा रहा है कि गरीब सवर्ण को दस फीसदी आरक्षण देने के बाद सवर्णों के पक्ष में यह दूसरा बड़ा फैसला है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भार्गव विधानसभा में लोकतंत्र की आवाज मजबूती के साथ रखेंगे। उनके अनुभव का लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा।
छात्र राजनीति से सक्रिय भार्गव 1980 में बने थे गढ़ाकोटा नगरपालिका के अध्यक्ष
जन्मतिथि: 1 जुलाई 1952
शैक्षणिक योग्यता: बीएससी, एमए-एलएलबी
व्यवसाय: कृषि एवं सिनेमा
स्थाई निवास: गढ़ाकोटा
जीवन यात्रा
- विद्यार्थी जीवन से ही छात्र राजनीति में सक्रिय भार्गव 1970-73 तक डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय छात्र संघ के विभिन्न पदों पर रहे।
- 1980 से 82 तक नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा के अध्यक्ष रहे।
- छात्रों, बीड़ी मजदूरों एवं किसानों के कई आंदोलन में जेल गए।
- आठवीं विधानसभा 1985 के लिए पहली बार निर्वाचित होकर विधायक बने। उसके बाद से लगातर आठ बार विधायक निर्वाचित।
- 1998 में लोकलेखा समिति, सार्वजनिक उपक्रम समिति, प्राक्कलन समति के सदस्य और प्रश्न एवं सदर्भ समिति के सभापति रहे।
- भाजपा के सागर के जिलाध्यक्ष रहे।
- 2003 में बारहवीं विधानसभा में निर्वाचित होकर पहली बार मंत्री बने।
- कृषि, सहकारिता, धार्मिक न्यास, पुनर्वास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सामाजिक न्यास सहित कई अन्य विभागों के मंत्री रहे।
- उमाभारती, बाबूलाल गौर सहित शिवराज सिंह चौहान सरकार में पिछले 15 साल से कैबिनेट मंत्री।