मणिपुर में इस बार अकेले चुनाव लड़ सकती है भाजपा, 2017 में पार्टी ने पहली बार बनाई थी गठबंधन की सरकार
सिंघल ने गुवाहाटी में संभावित गठबंधन के बारे में कोई जानकारी दिए बिना कहा कि समान विचारधारा वाले दलों और सहयोगियों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे हैं लेकिन भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करेगी।
इंफाल, आइएएनएस। मणिपुर में सत्तारूढ़ भाजपा विधानसभा चुनाव में इस बार अपने दम पर ताकत दिखाने को तैयार है। भाजपा ने 2017 में सहयोगी दलों और निर्दलियों की मदद से पहली बार सत्ता का स्वाद चखा था, लेकिन केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक और मणिपुर चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी अशोक सिंघल ने संकेत दिए हैं कि भगवा पार्टी इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ने को तैयार है। हालांकि, भौमिक और सिंघल दोनों ने चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया।
सिंघल ने गुवाहाटी में संभावित गठबंधन के बारे में कोई जानकारी दिए बिना कहा कि समान विचारधारा वाले दलों और सहयोगियों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे हैं, लेकिन भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करेगी।
मणिपुर चुनावों के लिए जल्द ही होगी चुनावों की घोषणा
केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने भी कहा कि केंद्रीय नेता जल्द ही मणिपुर चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगे। मणिपुर में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आगामी चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं। पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी।
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। भगवा पार्टी, जिसने 21 सीटें हासिल की थीं, ने गठबंधन की सरकार बनाई।
एनपीपी ने पहले ही अपने दम पर चुनाव लड़ने की कर दी घोषणा
उधर सरकार में सहयोगी मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली एनपीपी ने पहले ही अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। सरकार में एक अन्य सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने भी अभी चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी।
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