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RSS का बड़ा बयान- जरूरत पड़ी, तो राम मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन भी करेंगे

राम मंदिर के मुद्दे पर संघ की ओर से सुरेश भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को प्रेस के सामने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनाने में कुछ कानूनी अड़चन हैं।

By Vikas JangraEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 11:23 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 04:21 PM (IST)
RSS का बड़ा बयान- जरूरत पड़ी, तो राम मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन भी करेंगे
RSS का बड़ा बयान- जरूरत पड़ी, तो राम मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन भी करेंगे

मुंबई [जेएनएन]। राम मंदिर के मुद्दे पर आरएसएस (संघ) के सर संघ कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी का बड़ा बयान सामने आया है। संघ की ओर से भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनाने में कुछ कानूनी अड़चनें हैं। उम्मीद है कि कोर्ट हिन्दू समाज की भावनाओं को समझकर इस मामले पर न्याय करेगा। जोशी ने कहा कि दीपावली पर हम कुछ शुभ समाचार सुनने की अपेक्षा कर रहे थे। कोर्ट में भी यह मामला काफी समय से लंबित है और अगर जरूरत पड़ी, तो 1992 जैसा आंदोलन भी चलाएंगे। हालांकि, जोशी ने भी कहा कि कोर्ट इस मामले में कितना समय लेती है इस पर वे टिप्पणी नहीं करेंगे।

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भाजपा सांसद राकेश सिन्हा की ओर से प्राइवेट मेंबर बिल लाए जाने के सवाल पर सुरेश जोशी ने कहा, 'राम मंदिर निर्माण को लेकर जिन्होंने अध्यादेश लाने की मांग की है। ये उनका अधिकार है।' उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर सरकार अध्यादेश लाएगी या नहीं लाएगी इसका फैसला सरकार को करना होगा।


इससे पहले सुबह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। दोनों के बीच करीब घंटाभर तक चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इस दौरान राम मंदिर के मुद्दे को लेकर ही बात हुई है। अमित शाह देर रात ही महाराष्ट्र पहुंच गए थे। शुक्रवार सुबह वे भयंदर पहुंचे हैं। यहीं पर तीन दिनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक चल रही थी। बैठक के बाद सुरेश जोशी ने पत्रकारों को संबोधित किया और राम मंदिर को लेकर सवालों का जवाब दिया। 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर की सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दी है। तभी से संघ और भाजपा के कई नेताओं समेत हिंदू संगठन और संत समाज सरकार पर राम मंदिर बनवाने के लिए दबाव बनाने में जुटा है। संघ प्रमुख भागवत तो राम मंदिर के लिए अध्यादेश तक लाने की सलाह दे चुके हैं। हालांकि, अभी सरकार की ओर से मुद्दे पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। 


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