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केरल पुलिस अधिनियम संशोधन को वापस लेने की मांग करते हुए भाजपा ने खटखटाया उच्च न्यायालय का दरवाजा

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर इसे लागू कर दिया। अध्यादेश को लाने के पीछे केरल सरकार का कहना है कि इससे राज्य में महिलओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने में मदद मिलेगी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 10:59 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 10:59 AM (IST)
केरल पुलिस अधिनियम संशोधन को वापस लेने की मांग करते हुए भाजपा ने खटखटाया उच्च न्यायालय का दरवाजा
केरल पुलिस अधिनियम संशोधन को वापस लेने की मांग करते हुए भाजपा ने खटखटाया उच्च न्यायालय का दरवाजा।

तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल में साइबर क्राइम को रोकने के लिए लाए गए संशोधन अध्यादेश को मंजूरी मिल गई है। हालांकि, विपक्ष द्वारा इसका जमकर विरोध किया जा रहा है। अब जहां केरल पुलिस अधिनियम संशोधन को वापस लेने की मांग करते हुए भाजपा ने खटखटाया उच्च न्यायालय का दरवाजा है। केरल भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने उच्च न्यायालय से मांग की है कि इस अधिनियम संशोधन को खारिज किया जाए। 

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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर इसे लागू कर दिया। इसका काफी विरोध हो रहा है। वहीं, अध्यादेश को लाने के पीछे केरल सरकार का कहना है कि इससे राज्य में महिलओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने में मदद मिलेगी। इस अध्यादेश के तहत यदि सोशल मीडिया पर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की ऐसी जानकारी भेजता है या बनाता है, जो अपमानजनक है या किसी को अपमानित करने या धमकी देने के इरादे से कोई पोस्ट करता है तो, ऐसे में उस व्यक्ति को पांच साल की जेल की सजा या 10 हजार रुपये जर्माना या दोनों का प्रावधान है।

अब भाजपा की तरफ से तो पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसे लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि वो केरल सरकार के इस नियम से आश्चर्य में हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर तथाकथित भड़काऊ आपत्तिजनक पोस्ट करने के कारण पांच साल की सजा के नियम से आश्चर्य में हूं।' बता दें कि इस केरल पुलिस अधिनियम संशोधन में पुलिस एक्ट के सेक्शन 118-A को मजबूत किया गया है। 


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